मुझे लगता है कि मैं एक चक्रवात के बीच फँसी हूँ. दो अलग दुनियाओं से उठती हवाओं का बना चक्रवात.…
दिन के दस बजकर 27 मिनट हुए हैं. मेज़ के उस तरफ खिड़की के बाहर हलकी बारिश है. मैं आवाज़…
लॉकडाउन के दूसरे दिन की सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर मैं लिखने की मेज़ पर हूँ. कल के बचे…
लॉकडाउन यूँ तो पिछले रविवार से ही शुरू हो चुका है, पर इस 21 दिन लंबे लॉकडाउन का आज पहला…