दिसंबर: सब कुछ होकर भी सब होना बचा रहेगा…जरा हट के

दिसंबर: सब कुछ होकर भी सब होना बचा रहेगा…

दिसंबर खत्म हो गया एक बार फिर. वैसे तो सब कुछ खत्म ही हो जाना है. यह तय है.  लेकिन…

पाटलिपुत्रा मैदान: कभी तेजस्वी भांजते थे बल्ला, आज है डंपिंग ग्राउंड और चरागाहखेल

पाटलिपुत्रा मैदान: कभी तेजस्वी भांजते थे बल्ला, आज है डंपिंग ग्राउंड और चरागाह

ऐसा हमेशा से नहीं था कि बिहार की राजधानी के सबसे पॉश इलाकों में शुमार किए जाने वाले पाटलिपुत्रा कॉलोनी…

अपराध की दुनिया से गांव को बाहर निकालने वाले दिनकर पुस्तकालय की कहानीजिला- जवार

अपराध की दुनिया से गांव को बाहर निकालने वाले दिनकर पुस्तकालय की कहानी

पुस्तक एवं पुस्तकालय की संस्कृति के खत्म होने अर्थात पढ़ने–पढ़ाने की परंपरा के छीजन के जमाने में राष्ट्रकवि की जनउपाधि से…