सियासत भी अजीब शै है- न यहां कोई परमानेंट दोस्त है और न कोई दुश्मन- सब अपने फायदे के लिहाज…
सियासत भी अजीब शै है- न यहां कोई परमानेंट दोस्त है और न कोई दुश्मन- सब अपने फायदे के लिहाज…
सियासत भी अजीब शै है- न यहां कोई परमानेंट दोस्त है और न कोई दुश्मन- सब अपने फायदे के लिहाज…