मैं सोचती हूं कि मुझे कितनी सारी चीजों से कितनी शिकायतें रहती थीं, आजकल वो शिकायतें पता नहीं कहां चल…
कभी-कभी हम जो कुछ कर रहे होते हैं, सब वहीं छोड़कर, किसी ऐसी जगह चले जाते हैं, जिसे बहुत साफ़…
मैं सोचती हूं कि मुझे कितनी सारी चीजों से कितनी शिकायतें रहती थीं, आजकल वो शिकायतें पता नहीं कहां चल…
कभी-कभी हम जो कुछ कर रहे होते हैं, सब वहीं छोड़कर, किसी ऐसी जगह चले जाते हैं, जिसे बहुत साफ़…