बीते रोज दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गए. बिहार की प्रमुख पार्टियों (पक्ष व विपक्ष) ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कल दिल्ली में वोट पड़ेंगे लेकिन इस बीच सबकी नजरें बिहार की ओर मुड़ गई हैं. पटना की सड़कों पर अभी से सियासी पोस्टरवार छिड़ गया है. चारा घोटाले के अलग-अलग मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर हमला करते हुए पोस्टर्स फिर से पटना की सड़कों पर देखे जाने लगे हैं. लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते इन पोस्टर्स पर लिखा गया है – परिवार मोह के प्यार में, पहुंच गए होटवार में. लालू प्रसाद पर किए जा रहे हमले की वजह से इन पोस्टरों को जद (यू) से जोड़ा जा रहा है. हालांकि इन पोस्टरों पर कहीं भी जद (यू) का नाम नहीं लिखा है.
नरसंहार और भ्रष्टाचार को लेकर किए हमले
शहर के व्यस्ततम इनकम टैक्स गोलंबर पर लगे इन पोस्टरों में लालू प्रसाद पर नरसंहार के वक्त बतौर शासक नकारेपन के आरोप लगाए गए हैं. भ्रष्टाचार व परिवारवाद को लेकर भी हमले कए गए हैं. इस पोस्टर के ठीक बगल एक और पोस्टर लगा है. इस पोस्टर में लालू प्रसाद और जिन्न के बीच की बातचीत को दिखाया गया है. इस पोस्टर में जिन्न कह रहा है कि वह अब लालू प्रसाद की बातों में नहीं आने वाला. इस पोस्टर में चोरी और सीनाजोरी करने के लिए लालू प्रसाद को आरोपित किया जा रहा है. इसके साथ ही तस्वीरों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है कि राजद की सरकार हटने के बाद से कैसे न्याय, सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मसलों को तरजीह दी गई है.
15 साल बनाम 15 साल
गौरतलब है कि इन पोस्टर वार की शुरुआत जद (यू) कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर से हुई. इस पोस्टर में लालू प्रसाद की अगुआई में चलने वाली सरकार को भय कहा गया है और भय को दिखाने के लिए गिद्ध को दिखाया गया है. वहीं भरोसे के प्रतीक के तौर पर कबूतर को दिखाया गया है. इस पोस्टर के दाहिने तरफ सीएम नीतीश कुमार की बड़ी से तस्वीर लगी है. जद (यू) कार्यालय के बाहर लगे इस पोस्टर को राजद के प्रदेश नेतृत्व ने गंभीरता से लिया. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को खुला चैलेंज किया वे जगह और तारीख तय करें. वे हर मसले पर बहस करने के लिए तैयार हैं. हालांकि जनता को अभी तक ऐसी कोई खुली बहस देखने को नहीं मिली है.
जनता नीतीश के झांसे में नहीं आनेवाली
राजधानी की सड़कों पर छिड़ गए सियासी पोस्टरवार पर राजद प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं, ” जनता नीतीश कुमार और जद (यू) के सारे खेल को समझ चुकी है. वे अब भी पुराने कैसेट्स ही चला रहे हैं. नीतीश ने प्रदेश की जनता को ठगा है. जनादेश का अपमान किया. नीतीश यह बताएं कि बीते 14-15 सालों में उन्होंने क्या किया, चमकी बुखार से बच्चे मरे, पटना के नागरिक नाले के पानी में क्यों डूबे? डबल इंजन की सरकार ने क्या किया? बिहार के लोग लगातार पलायन कर रहे हैं. एक नई फैक्ट्री नहीं खुल सकी है. पोस्टर पर किन्हीं पार्टी का नाम न होने के सवाल पर वे कहते हैं कि उनकी हिम्मत ही नहीं है कि वे सीधे वार करें, तो छिप-छिपकर ऐसा कर रहे हैं. यह किसी से छिपा नहीं है कि इसके पीछे जद (यू) नहीं है. ये लड़ाई उन्होंने छेड़ी है और अंत राजद करेगा. दो हजार बीस, नीतीश फिनिश.”
यहां हम आपको अंत में बताते चलें कि राजद कार्यालय के बाहर प्रदेश सरकार पर हमले करते हुए कई पोस्टर्स लगे हैं. नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर सीधे प्रहार किए गए हैं. सरकार द्वारा खुद को ‘डबल इंजन’ की सरकार कहे जाने पर उसे ‘ट्रबल इंजन’ की सरकार कहा जा रहा है. साथ ही कहा जा रहा है कि यह सरकार पाखंडी है और बिहार इनकी अगुआई में पिछड़ रहा है. वे पूरे बिहार को ले डूबे हैं.