लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प में देश के 20 सैनिक शहीद हो गए। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पिछले कई दशक के बाद इतनी बुरी स्थिति बन गई है। शहीदों में कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं।
भारतीय सेना ने कहा है कि वह राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। मंगलवार को शुरुआत में पहले यह खबर आई थी कि झड़प में एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हो गए। उसके बाद सेना ने जानकारी दी कि अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में ड्यूटी के दौरान घायल हुए अन्य 17 सैनिकों ने दम तोड़ दिया जिसके बाद शहीद सैनिकों की संख्या 20 हो गई।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सेना ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी ‘उसी अनुपात’ में हताहत हुए हैं। वहीं यह भी बताया गया है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान क्षेत्र के जिस क्षेत्र में 15/16 जून को झड़प हुई थी, वहां से दोनों सेनाओं के सैनिक हट गए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख व विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कल रात की झड़प के साथ–साथ पूर्वी लद्दाख की स्थिति की जानकारी दी। न्यजू एजेंसी के मुताबिक सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवानों की शहादत के बाद यह इस तरह की पहली घटना है।