बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के लिहाज से अच्छी खबर नहीं आ रही. पार्टी का अंतर्कलह अब स्पष्ट तौर पर सामने आने लगा है. इस बीच जहां पार्टी के पांच एमएलसी (विधायकों) के जद (यू) के में जाने की बात आ रही है. वहीं पार्टी के मजबूत स्तंभ व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी के लिहाज से उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने की खबरों ने सूबे के सियासी गलियारों में भूचाल सा ला दिया है.
यूपीए 1 में रहे मंत्री, साल 2014 व 2019 में मिली हार
यहां हम आपको बताते चलें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के मजबूत स्तंभ माने जाते रहे हैं. पार्टी के बुरे दिनों में भी वे लालू प्रसाद व परिवार के साथ ही रहे. समाजवादी रुझान के रघुवंश प्रसाद पार्टी की स्थापना के समय से ही साथ रहे हैं. विधायक व वैशाली से सांसद रहे हैं. यूपीए के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. उन्हें मनरेगा का प्रणेता भी कहा जाता है. पार्टी ने उन्हें साल 2014 व 2019 में वैशाली से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था. हालांकि दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
इस्तीफे की बात राजद को पता नहीं…
इस इस्तीफे व खबर के बाबत जब हमने राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से बात की तो उन्होंने कहा, “रघुवंश बाबू के किसी पद से इस्तीफे व खबर के संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी नहीं. उन्हें हमारे मार्फत यह बात पता चली है. वे अभी पता करेंगे.” यहां हम आपको यह भी बताते चलें कि राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश की कमान जगदानंद सिंह के हाथ में आने के बाद से ही ऐसी कई खबरें आईं कि इन दोनों नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नहीं. हालांकि दोनों नेताओं ने इस बात को हमेशा सिरे से खारिज किया.
कोरोना संक्रमण के बीच आया ‘रामा सिंह’ इफेक्ट
गौरतलब है कि रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से सांसद रहे हैं और साल 2014 के चुनाव में उन्हें रामा सिंह ने शिकस्त दी थी. पूर्व सांसद रामा सिंह के इस बीच तेजस्वी यादव से मिलने और पार्टी ज्वाइन करने की खबरें आ रही थीं. इसे लेकर रघुवंश प्रसाद सिंह खफा थे. यहां हम आपको यह भी बताते चलें कि रघुवंश प्रसाद कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और उनका इलाज पटना एम्स में चल रहा है.