लद्दाख का पैंगॉन्ग त्सो झील इस समय ट्विटर पर नंबर एक पर ट्रेंड कर रहा है. ट्रेंड करने की वजह है चीन. लद्दाख के गलवान घाटी में हुए विवाद के बाद से ये ख़बर आ रही थी कि भारत और चीन दोनों ही देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. चीन ने एक और जगह अपनी गतिविधि बढ़ा दी है. इस बार वो जगह लद्दाख का पैंगॉन्ग त्सो एरिया है.
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की ख़बर की माने तो चीन ने पैंगॉन्ग त्सो के फ़िंगर चार के पास हैलीपैड बनाना शुरू कर दिया है. हैलीपैड बनाने के अलावा झील के दक्षिणी किनारे पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के जुटने की भी बात सामने आ रही है. एक्सप्रेस के अनुसार एक अधिकारी ने बताया, “यह सही है कि चीनियों ने पैंगॉन्ग त्सो के उत्तरी किनारे पर अपनी स्थिति को मजबूत करना शुरू कर दिया है. एक हेलीपैड है जो अब फिंगर 4 क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जो अब तक बनाए गए अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के अतिरिक्त है.”
वहीं एक दूसरे अधिकारी का कहना है- “इसका मतलब है कि चीनी हमें बता रहे हैं कि अप्रैल 2020 की स्थिति में उनका वापस जाने का कोई इऱादा नहीं है. यही कारण है कि वे पैंगॉन्ग त्सो में किसी भी तरह के बातचीत या तनाव की स्थिति को कम करने पर चर्चा करने के लिए इच्छुक नहीं हैं.”
बता दें कि इससे पहले 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत–चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे. और कई जवान घायल हो गए थे. चीन के भी 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर थी. हालांकि चीन की तरफ से सैनिकों के हताहत होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. चीन उलटा भारत पर उकसाने का दावा करता रहा है. गलावान घाटी के इस हिंसक झड़प के बाद दोनों ही देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर पर बातचीत भी हुई थी. लेकिन फिलहाल इस बातचीत का कोई नतीजा निकलते नहीं दिख रहा है.