उतर प्रदेश के बदायूं जिले के चर्चित सामूहिक बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया. महंत सत्यनारायण इस मामले के प्रकाश आने के बाद से ही फरार चल रहा था. जिलाधिकारी प्रशांत कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि महंत सत्यनारायण को 7 जनवरी की देर रात उघाती थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. पुलिस इस पूरे मामले को लेकर उससे पूछताछ कर रही है.
एसटीएफ को सौंपा गया था केस-
यहां हम आपको बताते चलें कि बदायूं के भीतर हुए इस सामूहिक दुष्कर्म को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार की खासी फजीहत हो रही है. विपक्ष के साथ ही आम जनता लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल पूछ रही है. ऐसे में इस मामले के प्रकाश में आने के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को (स्पेशल टास्क फोर्स – एसटीएफ) को सौंप दिया. स्थानीय प्रशासन के साथ एसटीएफ इस मामले में त्वरित कार्रवाई हेतु जुटी है. स्थानीय प्रशासन ने मुख्य आरोपी पर पच्चास हजार रुपये का इनाम रखा था. यहां हम आपको यह भी बताते चलें कि तीन जनवरी की इस घटना को लेकर यूपी पुलिस की लेटलतीफी की वजह से पोस्टमार्टम और रेप की पुष्टि 5 जनवरी को हो पाई. इस पूरे मामले में लापरवाही के मद्देनजर एक इंस्पेक्टर पर धारा 166 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
ऐसा कहा जा रहा है कि बीते तीन जनवरी की शाम एक महिला पूजा करने गांव के एक मंदिर गई थी. वहां महंत सत्यनारायण और उसके तीन साथियों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम देने के बाद उसकी हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि महिला के सीने पर भारी वस्तु से प्रहार किया गया और उसके गुप्तांग को चोट पहुंचाया गया. वहीं मृतक के लड़के का इस मामले में कहना है कि तीन जनवरी की रात तकरीबन 11 बजे मंदिर का महंत सत्यनरायण और उसके तीन साथी घर आए और उसके मां के शव को घर पर रख दिया. मां के बारे में कुछ भी पूछने पर उनका कहना था कि मंदिर से घर लौटते वक्त वह सूखे कुंए में गिर गई.
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या ने दिया विवादित बयान
अंत में हम आपको यह भी बताते चलें कि इस मामले के प्रकाश में आने और लगातार हो रही कवरेज के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चन्द्रमुखी बदायूं पहुंची थीं. मौके पर पहुंचकर उन्होंने एक बयान दिया और इस बयान पर भी बखेड़ा खड़ा हो गया है. मौके पर चन्द्रमुखी ने कहा, ‘मृतक महिला अगर शाम के समय मंदिर नहीं गई होती या उसके साथ कोई बच्चा होता तो इस तरह की घटना नही होती.’ उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. लोग उन्हें लानते भेज रहे हैं. वहीं चन्द्रमुखी देवी के इस बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने प्रतिक्रियास्वरूप कहा कि उन्हें नहीं पता कि चन्द्रमुखी देवी ने ऐसा क्यों कहा, महिलाओं को अधिकार है कि वह जब चाहें कहीं भी जा सकती हैं. यह समाज और राज्य की जिम्मेदारी है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराए.