बिहार सरकार विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले लोगों के लिए नया फरमान लेकर आई है. इसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति विरोध प्रदर्शन करते हुए पकड़ा जाता है तो आचरण प्रमाण–पत्र पर इसका असर पड़ सकता है. इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी थानाध्यक्षों की होगी. ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा. इस पर राज्य की विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की तुलना जर्मनी के तानाशाह ‘हिटलर’ की.
क्या है नया फरमान और तेजस्वी की टिप्पणी?
दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय के नए नोटिफिकेशन के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम आदि मामले में शामिल होते हुए किसी तरह के आपराधिक कृत्य करते हुए पकड़ा जाता है और उस पर पुलिस द्वारा आरोप पत्र जारी किया जाता है तो ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा. ऐसे व्यक्ति के संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख रहेगा और व्यक्ति को सरकारी नौकरी से वंचित रखा जा सकता है.
मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे
बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vP
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021
तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए सत्ता पक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश की तुलना हिटलर से की. उन्होंने आगे कहा,”मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं कि अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?”
बिहार के किम जोंग उन का फ़रमान https://t.co/v835hGQLWg
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 3, 2021
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने नीतीश को बिहार का किम जोंग उन भी कह दिया. आपको बतातें चलें कि बेनितो मुसोलिनी इटली का नेता था और उसने फासिस्ट पार्टी की नींव रखी थी. मुसोलिनी और हिटलर दोनों की राजनीतिक विचारधारा एक जैसी थी. किम जोंग उत्तरी कोरिया का शीर्ष नेता है.