आख़िरकार 84 दिनों के उठा पटक के बाद नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. राज्यपाल फागू चौहान ने एनडीए गठबंधन के 17 नए विधायकों को पद और गोपनियता की शपथ दिलवाई है. इसमें बीजेपी कोटे से 9 विधायक मंत्री बनाए गए हैं, जबकि जदयू कोटे से 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. दोनों ही पार्टियों ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए क्षेत्रीय समीकरण के अलावा जाति समीकरण का भी खासा ध्यान रखा है. इसके अलावा दोनों ही पार्टियों ने अनुभवी चेहरों के साथ ही नए और युवा चेहरा पर भी दांव लगाया है.
जदयू कोटा
श्रवण कुमार- नालंदा से विधायक हैं. नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.
मदन सहनी– दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक हैं. सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. पहले भी खाद्य आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं.
संजय झा– जदयू के राष्ट्रीय महासचिव. पिछली सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं. ये भी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं. इन्होंने मैथिली में शपथ ली.
लेसी सिंह– धमदाहा से विधायक लेसी सिंह 2000 से अब तक पांच बार चुनाव जीत चुकी हैं. विधायक रह चुकी हैं. लेसी सिंह इस पहले भी मंत्री रह चुकी हैं.
सुमित सिंह- पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे हैं. 2010 में जेएमएस से चुनाव जीते थे. 2020 के चुनाव में चकाई से निर्दलीय चुनाव जीते औऱ बाद में जदयू को अपना समर्थन दिया.
सुनील कुमार- गोपालगंज के भोरे से चुनाव जीते हैं. नेता बनने के पहले आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं. खबरों की माने तो ये बिहार के नए शिक्षा मंत्री हो सकते हैं.
जयंत राज- नीतीश मंत्रिमंडल का सबसे युवा चेहरा. जंयत राज बांका के अमरपुर से विधायक हैं. पहली बार चुनाव जीते हैं और मंत्री बनने का मौका मिल गया है.
ज़मा खां- कैमूर के चैनपुर से बसपा के टिकट पर विधायक बने. हाल में ही बसपा छोड़ जदयू ज्वाइन किया है. इस वक्त जदयू की तरफ से एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं ज़मा खां.
बीजेपी कोटा
शाहनवाज हुसैन- शाहनवाज हुसैन वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वह दो बार के लोकसभा सांसद रह चुके हैं. उस दौरान इन्होंने बतौर मंत्री केंद्र सरकार में फूड प्रोसेसिंग, नागरिक उड्डयन, टेक्सटाइल्स और युवा मामलों का जिम्मा संभाला था.
प्रमोद कुमार– 58 साल के प्रमोद कुमार मोतिहारी विधानसभा से विधायक हैं. 2005 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. इससे पहले भी ये बतौर मंत्री पर्यटन और संस्कृति विभाग का जिम्मा संभाला चुके हैं.
सम्राट चौधरी– वर्तमान में बीजेपी के एमएलसी हैं. 1999 में बतौर कृषि मंत्री और 2014 में शहरी विकास और आवास मंत्री का भी ज़िम्मा सँभाल चुके हैं.
नीरज कुमार बब्लू– दिंवगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई और छातापुर के विधायक हैं. नीरज भी पाँच बार चुनाव जीते चुके हैं, जिसमें से तीन बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीते चुके हैं. पहली बार इन्हे कैबिनेट में शामिल होने का मौका मिला है.
जनक राम- फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. बसपा से राजनीति की शुरुआत की थी. 2014 में बसपा छोड़ बीजेपी ज्वाइन किया और गोपालगंज के सांसद बने. बिहार में पार्टी के स्टार प्रचारक में इनकी गिनती होती है.
नितिन नवीन- बांकीपुर से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. फिलहाल छत्तीसगढ़ बीजेपी सह प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है.
आलोक रंजन झा- सहरसा के विधायक हैं आलोक रंजन झा. पहली बार कैबिनेट में जगह मिली है.
सुभाष सिंह– गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह को पहली बार मंत्री बनाया गया है.
नारायण प्रसाद- पश्चिमी चंपारण के नौतन विधानसभा से विधायक हैं नारायण प्रसाद. इन्हें भी पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है.
बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार ने 13 मंत्रियों के साथ 16 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 19 फरवरी से बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. इसके पहले नीतीश सरकार पहला मंत्रिमंडल विस्तार कर रही है.