देश-दुनिया में अपनी पढ़ाई-लिखाई के लिए मशहूर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर (बीएचयू) इन दिनों अन्यान्य वजहों से सुर्खियों में रह रहा है. आज सुबह भी वहां एक ऐसी ही दुर्घटना हुई है. परिसर के भीतर तेज रफ्तार में चलने वाली गाड़ी (फोर्ड इंडेवर) ने लॉ फैकल्टी (विधि संकाय) के सामने दो स्टूडेंट्स को अपनी चपेट में ले लिया. घायल छात्र और छात्रा विजुअल आर्ट्स फैकल्टी (दृश्य कला संकाय) के बताए जा रहे हैं. उनका नाम क्रमश: राजेश और अंजू है. उन्हें काफी चोटें आई हैं और वे दोनों बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं. मौके पर उन्हें देखने पहुंचे बीएचयू के पूर्व छात्र अमित द बिहार मेल से बातचीत में इस बात की पुष्टि करते हैं कि दोनों स्टूडेंट्स फिलहाल खतरे से बाहर हैं और उनकी स्थिति नॉर्मल की ओर बढ़ रही है. हालांकि दुर्घटना के बाद उग्र हो गए स्टूडेंट्स ने उस फोर व्हीलर को आग के हवाले कर दिया. परिसर में अफरातफरी का माहौल है और अफवाहों का बाजार गर्म है. दुर्घटना के बाद से छात्र समुदाय में रोष व्याप्त है और वे मुख्य द्वार (सिंह द्वार) बंद कर धरना दे रहे थे कि दोषियों को पकड़ा जाए.
स्थानीय भाजपा नेता की गाड़ी ने स्टूडेंट्स को मारी टक्कर
यहां हम आपको बता दें कि स्टूडेंट्स को टक्कर मारने वाली गाड़ी स्थानीय भाजपा नेता रणवीर सिंह की है. इसे दुर्घटना को लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं. कोई कह रहा है कि मौके पर तीन-चार गाड़ियों का काफिला तेज रफ्तार से जा रहा था. गाड़ी भाजपा नेता का भाई चला रहा था. दुर्घटना के बाद बाकी की गाड़ियां और उनमें सवार लोग किसी तरफ वहां से भागने में सफल रहे. तो कोई कह रहा है कि नहीं सिर्फ एक ही गाड़ी बड़ी तेजी से चलती दिखी और उसने स्टूडेंट्स को मोटरसाइकिल सहित रौंद डाला. विश्वविद्यालय के शोध छात्र हर्षित श्याम अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं कि आखिर क्या वजह है कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा का कमान संभालने वाली प्रॉक्टोरियल बोर्ड से यहां की सुरक्षा नहीं संभल रही? प्रशासन क्यों ऐसे तमाम मामलों पर हमेशा चुप्पी साधे रहता है? स्टूडेंट्स का क्या कसूर है? क्या वे एक सेफ कैंपस भी डिजर्व नहीं करते?
परिसर में क्यों आ रही इतनी गाड़ियां?
ध्यातव्य है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक बंद परिसर है. परिसर के तमाम द्वारों पर परिसर की सिक्यूरिटी (प्रॉक्टोरियल के जवान) चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं, लेकिन इस बात से शायद ही कोई इंकार करे कि इस बीच परिसर में गाड़ियों की आवाजाही बढ़ गई है. आए दिन परिसर में ऐसी ही दुर्घटनाएं रिपोर्ट हो रही हैं. अभी कुछ दिन पहले ही परिसर के भीतर गोलीबारी भी रिपोर्ट हुई थी. गोलीबारी में एक स्टूडेंट की जान भी चली गई. ऐसे में सवाल प्रशासन पर उठते हैं कि अपनी सुरक्षा पर करोड़ों खर्च करने वाले इस परिसर में ऐसी दुर्घटनाएं क्यों और कैसे हो जा रही हैं? कैसे गाड़ियों पर सवार बाहरी लोग आसानी से परिसर में दाखिल हो जा रहे हैं? वे कैसे बिना किसी रोकटोक के पूरे परिसर को फॉर्मूला वन रेसिंग का ट्रैक बना देते हैं? सवाल और भी हैं लेकिन अफसोस कि उसका जवाब देने के लिए कोई नहीं है, किसी की कोई जवाबदेही तय नहीं हो पा रही है…
1 Comment
Manish June 15, 2019 at 11:23 pm
I like the way you have written the content..apart from that this is not new thing when a student got injured by outsiders. There should be strict rule on maximum speed of vehicle within the campus