तीन केन्द्रीय कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन और किसानों का हुजूम देखते ही देखते लाल किले तक पहुंच चुका है. आज सुबह से ही पूरे देश और दुनिया को ऐसी तस्वीरें और वीडियो देखने को मिल रही हैं, जिनमें किसानों और पुलिस के बीच झड़पों को साफ-साफ देखा जा सकता है. कई जगह पुलिस ने इन किसान प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी दागे हैं. किसान दिल्ली के भीतर न पहुंच सकें इसके लिए कंटेनरों से रास्तों को अवरुद्ध किया गया है.
गौरतलब है कि एक तरफ जहां संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में देश भर के अलग-अलग किसान संगठन इस बात पर अड़े हैं कि तीन केन्द्रीय कानूनों की वापसी हो, वहीं सरकार चाहती है कि संशोधनों के साथ इन कानूनों को लागू किया जाए. किसान संगठनों और सरकार के बीच बीते दो माह से हो रही कई दौर की बातचीत किसी सकारात्मक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है.
ऐसे में दिल्ली की सीमा पर डेला डाले किसान संगठनों और उनके शीर्ष नेताओं ने ऐसी कॉल दी कि देश भर से लोग दिल्ली पहुंचकर ट्रैक्टर परेड का हिस्सा बनें. उनके ऐसे कॉल का देश भर में समर्थन और विरोध दोनों हो रहा है. कई किसान तो सपरिवार दिल्ली पहुंच रहे हैं. भारी संख्या में महिलाओं और बच्चों को भी देखा जा सकता है.
यहां हम आपको बताते चलें कि दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच सीधी टकराहट देखी जा रही है. दिल्ली के व्यस्ततम चौराहो के तौर पर शुमार किए जाने वाले आईटीओ चौराहे पर टकराहट की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. एक किसान प्रदर्शनकारी के मौत की भी खबर आ रही है.
दिल्ली की तर्ज पर देश भर में अलग-अलग हिस्सों समेच पटना के भीतर भी आज जन अधिकार पार्टी ने ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से तीन कृषि कानूनों का विरोध किया. पुलिस द्वारा ट्रैक्टर मार्च के रोके जाने पर वे गांधी मैदान में स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे. इसके अलावा बिहार में आगामी 30 जनवरी को कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध करने की घोषणा की है.