भारतीय रेल ने प्लेटफॉर्म पर सो रहे बच्चों या रेल परिसर के आस-पास भटक रहे बच्चों के लिए एक अच्छी पहल की है. इन बच्चों की देखरेख के लिए अब कुछ स्टेशनों पर आश्रय गृह बनवाए जाएंगे और ऐसे बच्चों को कुछ समय तक ठहरने की पूरी सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
पीटीआई की खबर के मुताबिक अभी प्रयोग के तौर पर दिल्ली, अहमदाबाद, गुवाहाटी और समस्तीपुर के रेलवे स्टेशनों या यहां आस–पास स्थित जगहों पर ऐसे आश्रय स्थल बनाए जाएंगे. एक आश्रय गृह में करीब 25 बच्चे रह सकेंगे और इनमें खाने–पीने से लेकर इलाज तक की सुविधा उपलब्ध होगी. यही नहीं इन बच्चों को उनके परिवारवालों से मिलवाने की कोशिश भी की जाएगी. रेलवे महिला कल्याण संगठन इस योजना का प्रभारी होगा और वह बच्चों के ऊपर काम करनेवाले संगठनों (एनजीओ) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेगा. इन संगठनों के नाम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से पेश किए जाएंगे.
इन आश्रय गृहों की सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति को तैनात भी किया जाएगा. आपको बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक घर छोड़ने वाले या मानव तस्करी के शिकार करीब 35,000 बच्चों को पिछले चार साल में रेलवे स्टेशनों से मुक्त कराया गया. इसको देखते हुए बच्चों को संरक्षण देने की दिशा में रेलवे का यह अच्छा और सरहानीय कदम है.