कुमार विश्वास की कविताओं पर वाह के बीच रह रहकर निकलती रही राज्यसभा की आह

कुमार विश्वास की कविताओं पर वाह के बीच रह रहकर निकलती रही राज्यसभा की आह

कल शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय के निवर्तमान छात्रसंघ द्वारा एक कवि सम्मेलन आयोजित कराया गया। कवि सम्मेलन राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के 111 वीं जयंती माह के उपलक्ष्य में था। सम्मेलन में मौजूदा समय के सबसे प्रख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का उद्धाटन राज्यसभा सदस्य डॉ सीपी ठाकुर, दिनकर जी के पौत्र अरविंद और कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्वलित करके किया। फिर शुरू हुई कविता और गीतों की रंगारंग प्रस्तुति…

कार्यक्रम के विधिवत उद्धाटन में राज्यसभा सदस्य डॉ सीपी ठाकुर व अन्य

 

मुक्तकों से लूटी वाह, बिहार के साहित्यिक विरासत से कराया रूबरू

कुमार विश्वास ने शो की शुरुआत दिनकर द्वारा लिखी गई कुछ प्रसंगों से की जो उन्होंने रश्मिरथी, उर्वशी और हुंकार में लिखा है। उर्वशी पुरुरवा प्रेम संवाद, कर्ण अश्वसेन संवाद से होकर हुँकार में नेहरू जी के लिये लिखी गई कविता सुनाकर विश्वास ने वातावरण को एकदम कवितामय बना दिया। दिनकर जी का नेहरू को ये कहना कि जब जब जब राजनीति लड़खड़ाती है कविता उसे उठाती है या गांधी परिवार के बीच नागार्जुन का ये सुनाना कि “इन्दु जी, इन्दु जी, क्या हुआ आपको? सत्ता की मस्ती में भूल गई बाप को?” ने खचाखच भरे बापू सभागार में बैठे लोगों को उनकी साहित्यिक विरासत पर गर्व कराया।

अपनी कविताओं से श्रोताओं का दिल जीतते कुमार विश्वास

गीतों पर वाह के बीच निकलती रही राजसभा की आह

इसके बाद जो शुरू हुआ उसका इंतज़ार दर्शकों को पहले से रहा होगा। कुमार विश्वास अपने पिछले सभी कवि सम्मेलनों में राज्यसभा के मोह को व्यंग्य या कविता के माध्यम से बाहर लेकर आये हैं। यहाँ जिनकी जयंती उपलक्ष्य पर कार्यक्रम था वो कवि होने के साथ-साथ कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद भी थे। कुमार विश्वास यहाँ भी अरविंद केजरीवाल को अपना निशाना बनाते रहे। अपने गीत “वाणी पर इतना अंकुश कैसे सहते, हम दिनकर के वंशज चुप कैसे रहते” पर उन्होंने खूब तालियाँ बटोरी। उनके राज्यसभा का मोह बार-बार बाहर निकलकर आ रहा था।

कुमार विश्वास को सुनने के लिए खचाखच भरा बापू सभागार

राहुल पर ली चुटकी, भाजपा से चेत जाने का किया इशारा

कुमार विश्वास ने एक तरफ़ जहाँ गांधी परिवार से जुड़े दिनकर नागार्जुन के किस्से सुनाये वहीं वर्तमान राजनीतिक हालातों पर भी जमकर कटाक्ष किया। विश्वास ने राहुल गांधी का मोदी से गले मिलने पर भी चुटकी लिया कि 48 साल का कुंवारा आदमी और वो भी सावन में, गले नहीं मिलेगा तो क्या करेगा? गीतों के बीच विश्वास ने भाजपा से लोगों को चेताया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर लोग वोट मांगने आएंगे लेकिन इस बार ज़रा ध्यान रखना।

पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ का वो बैनर जिसको लेकर हुआ विवाद

विवादों के बीच आखिरकार संपन्न हुआ कार्यक्रम

कवि सम्मेलन को लेकर पटना विश्वविद्यालय ने निवर्तमान छात्रसंघ से एतराज जताया था। विश्वविद्यालय की ओर से यह टिप्पणी आई थी कि छात्रसंघ का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में अगर निवेदक के रूप में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के नाम का इस्तमाल होता है तो कानूनी करवाई होगी। निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज ने इसे गंभीरता से लेते हुए आगे “निवर्तमान” लगाकर इस विवाद का हल निकाला। बापू सभागार में यह अबतक का पहला कवि सम्मेलन था।