मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई 27 अगस्त को संक्षिप्त रूप से हुई. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार यानी 28 तारीख का दिन निर्धारित किया था.
कोर्ट ने इस मामले की प्रगति के संबंध में अधिकारियों से सोमवार को कुछ सवाल भी पूछे. इस मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह और न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन की खंडपीठ को सीबीआी ने सीलबंद लिफाफे में जांच से जुड़ी रिपोर्ट और इसमें हो रही प्रगति की जानकारी दी.
अदालत ने जांच रिपोर्ट पढ़ने के बाद वहां मौजूद सीबीआई के डीआईजी अभय कुमार सिंह से एसपी के स्थानांतरण और अधिकारियों पर पड़ रहे काम के दबाव के संबंध में भी कुछ सवाल पूछे और कहा कि अधिकारियों की कमी की वजह से इस मामले की छानबीन और तथ्यों को जमा करने में देरी हो सकती है. अदालत का कहना था कि इस मामले की छान–बीन तेजी से किए जाने की जरूरत है.
अदालत को अपने जवाब में सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच में देरी नहीं होगी और इसकी जांच सही दिशा में की जा रही है.
वहीं इस मामले में तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरे विश्व में संस्थागत Mass Rape का यह दुर्लभ केस है जहाँ एक ही छत के नीचे 40 बच्चियों का सरकारी संरक्षण में सामूहिक बलात्कार किया गया है लेकिन सरकार मे बैठे गूँगे,बहरे व अंधे हुक्मरानों द्वारा आत्मा को झकझोरने वाले कुकृत्य करने वालों को सजा दिलाने की बजाय बचाया जा रहा है.