गोरखपुर से राजघाट दिल्ली तक की पद यात्रा पर निकले सत्याग्रहियों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक बार फिर से गिरफ़्तार कर लिया गया है. एक महीने के भीतर इन्हें दूसरी बार गिरफ़्तार किया गया है. इससे पहले इन्हें ग़ाज़ीपुर में 11 फ़रवरी को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद मामला काफ़ी चर्चा में आया था.
मामला क्या है?
यूपी में CAA और NRC को लेकर प्रोटेस्ट हुए थे. इन युवाओं ने मिलकर एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनायी थी. टीम ने तय किया की हिंसा प्रभावित जगहों पर पहुंचकर गांधी का संदेश देंगे. पहले इन्होंने यूपी में हुई हिंसा पर रिपोर्ट बना कर इसी साल जनवरी प्रेस कान्फ्रेंस किया और फिर 2 फरवरी 2020 को चौरीचौरा से ये यात्रा निकाली. चौरीचौरा से इसलिए क्योंकि ये वह जगह थी जहां 1922 में अंग्रेजों के खिलाफ हुई हिंसा के बाद गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था. लगभग 200 किमी की पदयात्रा करके ये छात्र मऊ से आगे बढ़कर गाजीपुर पहुंचे तो धारा 144 का हवाल देकर इन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. ग़ाज़ीपुर में 12 फ़रवरी से 16 फ़रवरी तक जेल में रहने के बाद पदयात्रा बनारस होकर फ़तेहपुर पहुँची थी.
महात्मा गांधी का शांति और सद्भाव का संदेश लेकर निकली पद यात्रा
ग़ाज़ीपुर में गिरफ़्तार किए गए पदयात्री राज अभिषेक से हमने बात की. राज ने बताया कि एक महीने में ये दूसरी बार हुआ है. उत्तर प्रदेश में धारा 144 का प्रशासन बार-बार अन्यायपूर्ण प्रयोग करके शांतिपूर्ण लोगों को जेल में डाल देता है. आखिर 10 शांतिपूर्ण लोगों से समाज को ऐसा क्या खतरा है? गांधी का शांति का संदेश आखिर पुलिस क्यों रोकना चाहती है?
पदयात्रा में शामिल बीएचयू से PhD कर रहे विकास सिंह ने बताया
फ़तेहपुर पुलिस कहती रही कि फ़तेहपुर में धारा 144 लगी है. पुलिस के पास धारा 144 के बाबत कोई काग़ज़ नही है. पुलिस की तरफ़ से बार बार कहा गया कि कानपुर छोड़ देंगे यहाँ फ़तेहपुर में आप लोगों से शांति भंग का ख़तरा है. 8 निहत्थे और गांधी के नाम का पर्चा बाँटते युवाओं से इस प्रशासन को कैसा ख़तरा हो सकता है. जब प्रशासन हमें कभी भी जेल में डाल दे रही तो हम तो अब प्रशासन से उम्मीद भी नही कर सकते कि वो हमारी मदद करे. लेकिन गांधी के संदेश वाली यह पद यात्रा जा रहेगी.
प्रशासन का क्या कहना है?
प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी के बाद निजी मुचलके पर छोड़ने की बात कही गई है. नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा पर निकले युवाओं की गिरफ्तारी और उनकी जमानत के लिए दिए गए आर्डर के संबंध में हमने फ़तेहपुर प्रशासन से बात करने की कोशिश की. लगातार फ़ोन करते रहने पर भी कोई उचित जवाब नही मिला है. गिरफ़्तारी के लिए जारी किए गए आदेश में CAA और NRC के संबंध में लोगों/जनता को भ्रामक संदेश देते हुए गुमराह कर भड़काने और धारा 144 का उल्लंघन करने की बात लिखी गयी है. जिसके बाद जेल के अंदर भी पदयात्रियों ने गांधी के सत्याग्रह का रास्ता अपनाकर यात्रा जारी रखने की बात कही है.
गिरफ्तार किए गए पदयात्रियों के नाम हैं:-
प्रियेश पांडेय
आशुतोष कुमार राय
विवेक मिश्र
मनीष शर्मा
राजवेंद्र तिवारी
प्रभात कुमार
जितेश कुमार मिश्रा
नीरज राय
1 Comment
shishupal singh March 7, 2020 at 7:04 pm
गांधी से क्यों डरती है सत्ता क्योंकि सट्टा सत्य के साथ नहीं होती वह अहंकार में चूर होती है और अपने अहंकार को ही सत्ता समझती है जबकि सत्ता एक दायित्व है जनता के प्रति कर्तव्य निभाने का