सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को केंद्र सरकार ने बताया कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेज चोरी हो गए हैं और इस मामले के याचिकाकर्ता उसका इस्तेमाल करके गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं.
- 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी.
- मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अर्थशास्त्री अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई की.
- दूसरी पुनर्विचार याचिका आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दाखिल किया है. हालांकि कोर्ट ने सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने न्यायालय को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.
Attorney General (AG), KK Venugopal told Supreme Court that certain documents were stolen from the Defence Ministry either by public servants and an investigation is pending. We are dealing with defence purchases which involve security of the state. It is a very sensitive case. https://t.co/pWDNt5Lsk0
— ANI (@ANI) March 6, 2019
सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि प्राथमिकी दायर करने और जांच के लिए याचिका दाखिल की गई तब राफेल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया गया.
भूषण ने इस दौरान द हिंदू के वरिष्ठ पत्रकार एन राम द्वारा लिखे गए एक आलेख का भी हवाला दिया. इस पर सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि एन राम का आलेख चोरी हुए दस्तावेज पर आधारित है और उसकी जांच चल रही है.
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने वाला सरकारी गोपनीयता कानून और अदालत की अवमानना का दोषी है. उन्होंने कहा कि इसमें आरटीआई एक्ट लागू नहीं होता है और ये कागजात गोपनीय हैं लेकिन इन्हें सार्वजनिक कर दिया गया. यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल से संबंधित जानकारी का इस्तेमाल देश को ‘अस्थिर’ करने के लिए हो सकता है. उन्होंने कहा कि देश की संसद में कैग की रिपोर्ट पेश की जा चुकी है.
Rafale Jet Deal case in Supreme Court: Attorney General KK Venugopal said that if a CBI investigation is directed now, huge damage will be done to the country.
— ANI (@ANI) March 6, 2019
वहीं केंद्र सरकार को कड़े लहजे में न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने कहा कि अगर सवाल भ्रष्टाचार का है तो क्या कोई राष्ट्रीय सुरक्षा के तर्क देकर बच सकता है. उच्चतम न्यायालय में अब राफेल मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी.