राफेल डील से जुड़े गोपनीय कागजात रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए: केंद्र सरकार

राफेल डील से जुड़े गोपनीय कागजात रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए: केंद्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को केंद्र सरकार ने बताया कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेज चोरी हो गए हैं और इस मामले के याचिकाकर्ता उसका इस्तेमाल करके गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं.

  • 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी. 
  • मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अर्थशास्त्री अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई की.
  • दूसरी पुनर्विचार याचिका आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दाखिल किया है. हालांकि कोर्ट ने सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने न्यायालय को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.

सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि प्राथमिकी दायर करने और जांच के लिए याचिका दाखिल की गई तब राफेल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया गया.

Rafale Deal SC Hearing Image Credit: NDTV

भूषण ने इस दौरान द हिंदू के वरिष्ठ पत्रकार एन राम द्वारा लिखे गए एक आलेख का भी हवाला दिया. इस पर सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि एन राम का आलेख चोरी हुए दस्तावेज पर आधारित है और उसकी जांच चल रही है.

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने वाला सरकारी गोपनीयता कानून और अदालत की अवमानना का दोषी है. उन्होंने कहा कि इसमें आरटीआई एक्ट लागू नहीं होता है और ये कागजात गोपनीय हैं लेकिन इन्हें सार्वजनिक कर दिया गया. यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है.  अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल से संबंधित जानकारी का इस्तेमाल देश कोअस्थिरकरने के लिए हो सकता है. उन्होंने कहा कि देश की संसद में कैग की रिपोर्ट पेश की जा चुकी है.

वहीं केंद्र सरकार को कड़े लहजे में न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने कहा कि अगर सवाल भ्रष्टाचार का है तो क्या कोई राष्ट्रीय सुरक्षा के तर्क देकर बच सकता है.  उच्चतम न्यायालय में अब राफेल मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी.