चारा घोटाले के अलग-अलग मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पैरोल देने हेतु झारखंड सरकार विचार कर रही है. प्राप्त जानकारियों के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर लालू प्रसाद बाहर आ सकते हैं.
राज्य सरकार और कारा विभाग के बीच हुआ पत्राचार
यहां हम आपको बताते चलें कि झारखंड सरकार के मंत्री बादल के मुताबिक झारखंड की सरकार और कारा विभाग के बीच इस संबंध में पत्राचार हुआ है. कोरोना के खतरे से निपटने के लिए जेल प्रशासन को सजायाफ्ता कैदियों के पैरोल देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही ऐसा फैसला सुनाया था.
लालू प्रसाद की नामौजूदगी में हुआ बीता चुनाव…
गौरतलब है कि लालू प्रसाद की राजनीतिक सक्रियता के लगभग 50 साल हो चुके हैं लेकिन यह पहला मौका था जब पूरा लोकसभा चुनाव बीत गया और उन्होंने चुनावी रैलियों व सभाओं को संबोधित नहीं किया. लालू प्रसाद की पार्टी ऐसे में लोकसभा के भीतर एक भी सांसद बिहार से नहीं भेज सकी. हालांकि विधानसभा के लिहाज से उनकी पार्टी अभी भी बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी है.