‘‘क्या यह सच है? यह मध्य युग नहीं है बल्कि 20वीं सदी है। कौन ऐसे अपराध को होने दे सकता…
अपने ज़ाती काम से आकर मैं अब भी अपने गांव में ही हूं. मौका पाकर फिर से गांव घूमने लगा…
मैं, अपने एक ज़ाती काम से 18 मार्च को अपने गांव पीरू जिला औरंगाबाद आया था. काम तीन-चार दिन का…













