बोसे लेने की तमन्ना में थे ख़ाक स्याह। वही हसरत ज़दा अब निकले हैं बनकर तरबूज़॥ ~नजीर अकबराबादी जेठ की…
बोसे लेने की तमन्ना में थे ख़ाक स्याह। वही हसरत ज़दा अब निकले हैं बनकर तरबूज़॥ ~नजीर अकबराबादी जेठ की…
बोसे लेने की तमन्ना में थे ख़ाक स्याह। वही हसरत ज़दा अब निकले हैं बनकर तरबूज़॥ ~नजीर अकबराबादी जेठ की…