कोरोना डायरी: मुझे डर लगने लगा है कि ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ कहीं ग्राम्य बोध को न खत्म कर दे…खबरें

कोरोना डायरी: मुझे डर लगने लगा है कि ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ कहीं ग्राम्य बोध को न खत्म कर दे…

अपने ज़ाती काम से आकर मैं अब भी अपने गांव में ही हूं. मौका पाकर फिर से गांव घूमने लगा…

‘वुहान को देखकर कभी नहीं लगा था कि यह सब हमारे अपने देश में भी होगा’देश

‘वुहान को देखकर कभी नहीं लगा था कि यह सब हमारे अपने देश में भी होगा’

चीन के वुहान से आने वाली ‘कोविड-19’ की खबरें बनाते समय कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन वुहान…