लॉकडाउन डायरी, डे -12: तो क्या ये सारी दुनिया मेरा अदर हाफ़ है?देश

लॉकडाउन डायरी, डे -12: तो क्या ये सारी दुनिया मेरा अदर हाफ़ है?

दून घाटी अप्रेल 3, 2020 प्रिय ….., इस विश्वास के साथ तुम्हें लिख रही हूँ कि तुम जहाँ हो, मुझे…

लॉकडाउन डायरी, डे -13: याद की गली में दूर तक जाना…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -13: याद की गली में दूर तक जाना…

याद. वो लमहे, दिन और साल जो अब सामने नहीं मगर भीतर कहीं हैं. बचपन में पिता को अकसर एक…

लॉकडाउन डायरी, डे -14: हम इतने अकेले हैं कि दूसरों के साथ रिश्ता महसूस करना भूलने लगे हैंखबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -14: हम इतने अकेले हैं कि दूसरों के साथ रिश्ता महसूस करना भूलने लगे हैं

कभी-कभी हम जो कुछ कर रहे होते हैं, सब वहीं छोड़कर, किसी ऐसी जगह चले जाते हैं, जिसे बहुत साफ़…

लॉकडाउन जर्नल: बाहर का अन्याय खत्म करने के लिए हमें भीतर का अन्याय खत्म करना होगाखबरें

लॉकडाउन जर्नल: बाहर का अन्याय खत्म करने के लिए हमें भीतर का अन्याय खत्म करना होगा

मुझे लगता है कि मैं एक चक्रवात के बीच फँसी हूँ. दो अलग दुनियाओं से उठती हवाओं का बना चक्रवात.…

लॉकडाउन डायरी, डे -17: प्रिय इको, हम सिर्फ़ अपने दुखों की मृत्यु चाहते हैं…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -17: प्रिय इको, हम सिर्फ़ अपने दुखों की मृत्यु चाहते हैं…

देहरादून रविवार, मार्च 29, 2020 हलो. इको, मुझे तो यह भी नहीं पता कि तुम्हारा नाम किस तरह पुकारा जाए.…

लॉकडाउन डायरी, डे -19: नेटफ्लिक्स वाला बंदा ठीक है, पर फ्रॉइड फ्रॉइड हैं…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -19: नेटफ्लिक्स वाला बंदा ठीक है, पर फ्रॉइड फ्रॉइड हैं…

दिन के दस बजकर 27 मिनट हुए हैं. मेज़ के उस तरफ खिड़की के बाहर हलकी बारिश है. मैं आवाज़…

डे माइनस ट्वंटी: “जीवन को स्वीकार करने का अर्थ है इसकी क्षणिकता को स्वीकार कर लेना”देश

डे माइनस ट्वंटी: “जीवन को स्वीकार करने का अर्थ है इसकी क्षणिकता को स्वीकार कर लेना”

लॉकडाउन के दूसरे दिन की सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर मैं लिखने की मेज़ पर हूँ. कल के बचे…

डे माइनस ट्वेंटी वन, एक लड़की की ‘Covid-19 लॉकडाउन’ डायरी…देश

डे माइनस ट्वेंटी वन, एक लड़की की ‘Covid-19 लॉकडाउन’ डायरी…

लॉकडाउन यूँ तो पिछले रविवार से ही शुरू हो चुका है, पर इस 21 दिन लंबे लॉकडाउन का आज पहला…