क्या कभी ऐसा हो सकता है कि हम कुछ सोच ही न पाएं?देश

क्या कभी ऐसा हो सकता है कि हम कुछ सोच ही न पाएं?

मैं सोचती हूं कि मुझे कितनी सारी चीजों से कितनी शिकायतें रहती थीं, आजकल वो शिकायतें पता नहीं कहां चल…