मैसजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी (निजता) नीति को लागू करने की तारीख आठ फरवरी से बढ़ाकर अब 15 मई कर दी है. यानी इसे लगभग तीन महीने के लिए टाल दिया गया है. ऐप को इस नई नीति की वजह से यूजर्स (उपयोगकर्ताओं) के आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था और यूजर्स व्हाट्सऐप के प्रतिद्वंद्वी ऐप ‘सिग्नल’ की तरफ रुख करने की भी बात कर रहे थे.
व्हाट्सऐप ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘‘अब किसी का भी अकाउंट आठ फरवरी को न तो बंद होगा और न ही उन्हें डिलीट करने की जरूरत है. हम नई नीति के संबंध में गलत जानकारियों को भी स्पष्ट करेंगे.’’
भारत व्हाट्सऐप के उपयोगकर्ताओं के लिहाज से बड़ा बाजार
भारत व्हाट्सऐप के लिहाज से बड़ा बाजार है और यहां करीब 400 मिलियन से ज्यादा यानी 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स (उपयोगकर्ता) हैं. कंपनी अपनी इतनी बड़ी आबादी वाले यूजर्स को खोना नहीं चाहती है. इसलिए उसने फिलहाल इस नीति को टाल दिया है.
शीर्ष एनालिटिक्स कंपनी फर्म सेंसट टॉवर के आंकड़ों के अनुसार 5-11 जनवरी के बीच में सिग्नल 3.3 मिलियन बार डाउनलोड किया गया. वहीं व्हाट्सऐप 1.7 मिलियन और फेसबुक 2.1 मिलियन बार डाउनलोड हुआ.
ज्ञात हो कि निजता और सुरक्षा को लेकर यूजर्स द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद व्हाटसएप ने आधारिक रूप से घोषणा करते हुए बताया था कि नई नीति सुरक्षित है. इससे यूजर्स की निजता प्रभावित नहीं होगी, ये बदलाव केवल इसलिए किए जा रहे हैं कि कंपनी को बिजनेस के क्षेत्र में नई बुलंदी प्रदान की जा सके. इससे कंपनी और उपभोक्ताओं के बीच एक बेहतर समझ स्थापित होगी.
आपको बताते चलें कि अब आप अपने अकांउट को पुराने सेवा शर्तों के साथ 15 मई तक चला सकते हैं. कंपनी ने यूजर्स को आश्वस्त करने के लिए सुबह से व्हाट्सएप की तरफ से स्टेटस जारी किया है. हालांकि इस पर कंपनी को खासा ट्रोल किया जा रहा है. ट्विटर पर सुबह से हैशटैग व्हाट्सएप ट्रेंड हो रहा है.
व्हाट्सऐप ने एक ब्लॉग अपडेट में कहा कि निजता और सुरक्षा को लेकर लोगों के बीच जो गलतफहमी है, उसे दूर करने की कोशिश करेंगे.
भारत में नई प्राइवेसी नीति के खिलाफ याचिका भी है दायर
भारत में व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने याचिका दायर की है. कैट का कहना है कि व्हाट्सऐप की प्रस्तावित निजता नीति संविधान के मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण कर रहा है. कैट ने यह भी प्रार्थना की है कि व्हाट्सऐप जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार को दिशा–निर्देश तैयार करने चाहिए और ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो नागरिकों और व्यवसायों की गोपनीयता की रक्षा करे.