बिहार के भभुआ जिले में समाहरणालय के पास टोलासेवक विगत पांच दिनों से धरनारत हैं. धरनारत टोलासेवकों में से आज सुबह से तीन पुरुष और दो महिलाएं आमरण अनशन पर बैठ गए. आमरण अनशन पर बैठे पुरुषों में से एक पुरुष की हालत आज शाम खराब हो गई. हालत खराब होने पर उसे एंबुलेंस से सदर अस्पताल ले जाया गया.
टोलासेवकों ने सरकार से मांग की कि सरकार उनकी पुनर्बहाली करे और नई नियुक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगावे. गौरतलब है कि टोलासेवकों में महादलितों की नियुक्ति होती है और सरकार उन्हें टोलों के भीतर शिक्षा के प्रचार व प्रसार के लिए वेतन देती है. इसी पर सरकार ने रोक लगा दी थी और नई नियुक्तियों के लिए नया गाइडलाइन जारी किया. टोलासेवक इसी बात का विरोध कर रहे थे. मौके पर मौजूद जिला राजद प्रवक्ता सुरेश सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार ने इन्हीं तौरतरीकों से दलितों, महादलितों और महिलाओं का वोट बीते विधान सभा चुनाव में ले लिया और आज जब वे समय बीतने के साथ पर्मानेंट होने की मांग करने लगे तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.
जिले में आए प्रभारी मंत्री ने दिया पुनर्बहाली का आश्वासन
गौरतलब है कि कल स्वतंत्रता दिवस है और जिले में प्रभारी मंत्री के तौर पर आए संतोष कुमार निराला ने टोलासेवकों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें पूरी होंगी. सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों की मानें तो उन्होंने टोलासेवकों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्य सचिव से बातचीत के लिए राजधानी बुलाया है. हालांकि अभी तक आमरण अनशन पर बैठे टोलासेवकों ने अनशन नहीं तोड़ा है.