बिहार में तो जैसे इस बीच अप्रिय घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. किसी एक घटना का गुबार थमता नहीं कि दूसरी घटना शुरू हो जाती है. इस बीच बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी थानाक्षेत्र व बाजार से अप्रिय खबरें आ रही हैं. वहां बीते रोज (मंगलवार) को राज्य के भीतर रहने वाले दो सबसे बड़े समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई. बीते कुछ महीनों से होने वाली छिटपुट झड़पों ने बड़ा स्वरूप ले लिया. बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह फिर से दो गुटों में किसी विवाद को लेकर पहले झड़प हुई और फिर मामला खूनी हो गया. दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग भी हुई. इस गोलीबारी में जहां एक पक्ष के व्यक्ति की मौत हो गई तो वहीं दूसरे पक्ष से एक की हालत नाजुक बनी हुई है. चारों तरफ पुलिस तैनात है. इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ है.
क्या था पूरा मामला?
नाम न छापने की शर्त पर मसौढ़ी के एक कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र ने बताया कि एक लड़की मसौढ़ी में ही कोचिंग करने जाती थी। उसे दूसरे समुदाय के तीन-चार लड़के छेड़ा करते थे। जब लड़की ने यह बात अपने पिता को बताई तो उन्होंने लड़कों से इस संबंध में बात की और शायद धमकाया भी। प्रतिक्रियास्वरूप लड़कों ने लड़की के घर पहुंचकर उसके पिता को गोली मार दी। इसके बाद से ही झड़प ने विकराल रूप ले लिया। ये खबर दोनों समुदाय के लोगों तक पहुंची तो दोनों तरफ से पथराव और ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। लोगों ने डीएसपी आवास का घेराव करते हुए पत्थरबाजी भी की। पुलिस ने मामले को नियंत्रित करने के लिये फायरिंग का सहारा लिया। आक्रोशित भीड़ ने कई बार पुलिस पर पत्थरबाजी की. इस दौरान कई लोग घायल भी हुए जिसमें 5-6 पुलिसकर्मी भी थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि एसएसपी मनु महाराज और सिटी एसपी के काफ़िले पर भी हमला हुआ।
इलाके में धारा 144 और इंटरनेट सेवा बंद
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इलाके में धारा 144 लगा दिया है. मौके पर स्पेशल दंगा निरोधक दस्ता और रैफ के जवानों की तैनाती कर दी गई है। इलाके में कर्फ्यू लगा है। दोनों पक्षों के लोगों ने फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये मैसेज को वायरल कर हिंसा को और उग्र रूप देने की पुरजोर कोशिश की. इसे देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन इलाके में इंटरनेट सेवा बंद करवा दी है।
राज्य में रुकने का नाम नहीं ले रही साम्प्रदायिक हिंसा
एक तरफ जहां समूचा देश धीरे-धीरे चुनावी साल में प्रवेश करने जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ राज्य में जदयू और भाजपा के गठबंधन के बाद से इस तरह की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। ऐसा लगता नहीं कि बीती रामनवमी में जिस तरह समस्तीपुर, औरंगाबाद और भागलपुर समेत कई जिलों में हुई साम्प्रदायिक हिंसा हुई. उससे शासन-प्रशासन ने कोई सबक लिया हो. हालांकि, इस बार मामला जरा जुदा है, लेकिन असामाजिक तत्व हर बार की तरह इस बार फिर से अपने मंसूबे में कामयाब रहे।
आईजी स्पेशल की तरफ से निर्देश जारी किया गया है कि साम्प्रदायिक माहौल बनाने वाले लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। इस मामले में जिनपर भी एफआईआर दर्ज होगी उनका नाम थाने के गुंडापंजी फाइल में दर्ज किया जायेगा। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. हालांकि, फिर से मामला न सुलग उठे इसे सुनिश्चित करने के लिये पुलिस लगातार गश्त और छापेमारी कर रही है। पुलिस ने इस बाबत कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।