पटना विश्वविद्यालय और उसके छात्र संघ का मौजूदा सत्र अमूमन शांत ही चल रहा था कि वहां एक नया बखेड़ा शुरू होता दिख रहा है. मौजूदा छात्र संघ के महासचिव मणिकांत मणि ने छात्र संघ भवन के भीतर एडॉल्फ हिटलर की तस्वीर लगा दी है. वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हैं. उनके इस कृत्य से विश्वविद्यालय के अलग–अलग छात्र संगठन व छात्र खफा हैं और विरोध पर उतारु हैं.
उनके इस कृत्य पर छात्र जद (यू) से जुड़े छात्र व बीते छात्र संघ चुनाव में संयुक्त सचिव पद पर चुनाव लड़ चुके ओसामा खुर्शीद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखते हैं कि एक तानाशाह की तस्वीर विश्वविद्यालय के किसी भी कोने में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसा करने वालों पर उचित कार्रवाई करे. हमारे देश में गांधी जैसे लोगों के होते हुए हिटलर की तस्वीर कैसे?
क्या कहते हैं मणिकांत मणि?
इस पूरे प्रकरण पर जब हमने मणिकांत से बात की तो उन्होंने कहा, “पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ में सिर्फ हिटलर की तस्वीर नहीं है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर है. लोकनायक जय प्रकाश नारायण की तस्वीर है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर है. भगत सिंह की तस्वीर है. चंद्रशेखर आजाद की तस्वीर है. वीर सावरकर और हेडगेवार की तस्वीर है, और भी बहुत तस्वीरें हैं. उन्होंने कुछ सोचकर यह तस्वीर नहीं लगाई. उन्हें हिटलर के विचार अच्छे लगे इसलिए यह तस्वीर उन्होंने लगाई.”
जब हमने उनसे पूछा कि क्या वे इस तस्वीर के जरिए किसी विवाद को जन्म देना चाहते थे या उनकी ऐसी कोई मंशा थी तो उन्होंने कहा, ” मैंने कोई विवाद उत्पन्न नहीं किया है. ना ही मेरी ऐसी कोई मंशा है. अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वामपंथियों और कांग्रेसियों ने एक छोटे से मामले को वायरल कर विवाद को जन्म देने की कोशिश की है.”
क्या कहते हैं वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष?
जब इस पूरे प्रकरण पर हमने वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र जद (यू) नेता मोहित प्रकाश से बात की तो उन्होंने कहा कि हिटलर आततायी था और उसकी तस्वीर विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन में कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वे आगे कहते हैं कि वे किन्हीं निजी कार्यों की वजह से शहर से बाहर हैं और उन्हें इस प्रकरण की जानकारी बाद में मिली. वे जैसे ही विश्वविद्यालय पहुंचते हैं तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन से मिलकर उस तस्वीर को तत्काल प्रभाव से वहां से हटवाएंगे. वे छात्र जद (यू) के सदस्य और छात्र संघ अध्यक्ष के तौर पर इस कदम की घोर भर्त्सना करते हैं.

क्या कहते हैं वामपंथी छात्र संगठन व आम छात्र?
इस पूरे प्रकरण पर जब हमने विश्वविद्यालय के छात्र व वामपंथी छात्र संगठन आइसा के स्टेट प्रेसिडेंट मोख्तार से बात की तो उनका कहना था कि यह तस्वीर कहीं से भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती. उनका छात्र संगठन आज इस तस्वीर को लेकर अपना विरोध जताने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के पास जाएगा. वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसा करने वालों पर उचित कार्रवाई करे. वहीं विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के छात्र सोमू आनंद ने द बिहार मेल से बातचीत में कहा कि हिटलर तो तानाशाह था और ऐसे लोगों को विश्वविद्यालय के भीतर फॉलो किया जाना उचित नहीं. वे ऐसे कृत्य की निंदा करते हैं.