एक हफ्ते पहले सुखाड़ झेल रहा बिहार अब बाढ़ के चपेट में

एक हफ्ते पहले सुखाड़ झेल रहा बिहार अब बाढ़ के चपेट में

पिछले कुछ दिनों से बिहार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है. पहले बिहार के कई जिलों में सुखाड़ की खबरों ने सुर्खियां बटोरी, फिर बरपा चमकी बुखार का कहर, जिसने लगभग 150 बच्चों की जान ले ली. और अब बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. पिछले कई दिनों से उत्तर बिहार के साथ ही नेपाल में भी मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से नेपाल और उत्तर बिहार की नदियों का जल स्तर बढ़ गया है.

गड़क, कमला,बागमती, कोसी नदियों में पानी का स्तर बढ़ने की वजह से लोगों में डर है. कई जगहों पर पानी रास्ते और रेलवे ट्रैक के ऊपर आ चुका है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है. उत्तर बिहार के कई इलाकों में पानी घुसने की वजह से स्कूल बंद कर दिए गए हैं. प्रभात खबर के अनुसार कोसी-पूर्व बिहार में कई जगहों पर डूबने से पांच लोगों की मौत भी हो गई है.

 

सरकारी महकमें में भी हलचल

लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के खतरे को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर समीक्षा बैठक की है. इस बैठक में उन्होंंने सूबे के आला-अधिकारियों से हालात जाने, साथ ही उन्हें जल स्तर और बांधों की निगरानी के लिए 24 घंटे चौकस रहने को कहा है.

उंचे इलाकों की तरफ लोगों का पलायन शुरू 

अररिया, कटिहार, मधुबनी जिले के कई गांवों में घर तक पानी घुस चुका है, जिसकी वजह ले लोग घर छोड़ ऊंचे स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं. इन इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. बिहार से जुड़े कई लोग सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग जगहों की हालात भी बता रहे हैं. आदित्य मोहन ने अपने पोस्ट के जरिए अपना घर छोड़ ऊंचे स्थान की तरफ पलायन करने वालों लोगों के बार में लिखा है.

सीतामढ़ की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया ऋतु जयसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए गांव की खराब हालत के बारे में बताया है. ऋतु लिखती हैं-

रात अचानक बहुत पानी आया। कई घर सिंहवाहिनी में तबाह हुए हैं। बाढ़ 2017 से ज्यादा प्रलयकारी है। ये हमारे पंचायत के बड़ी सिंहवाहिनी गाँव की तस्वीर है जहाँ से संपर्क टूट चुका है। हम वहाँ नहीं पहुँच सकते। ये आवाज़ हमारे सरपंच श्री फ़कीरा गुप्ता जी की है। पानी के भीषण बहाव से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बाढ़ की स्थिति कितनी ज्यादा गंभीर है। तेज़ बहाव की वजह से सड़क को काट कर ये गड्ढा जो कि तकरीबन 50 फ़ीट लंबा है और गहराई भी काफी ज्यादा हो गई है। पानी के बहाव के कम होने इंतज़ार करेंगे, स्थिति पर नज़र बनाये हुए हैं, लोगों ने ऊँचे स्थान पर आसरा ले लिया है और जैसे जैसे समय बीतेगा स्थिति और साफ होती जाएगी, नुकसान काफी ज्यादा हो रहा है, उसका भी आकलन हो पाएगा समय के साथ, फ़िर आप से भी मदद की आवश्यकता पड़ेगी। समय समय पर आपको स्थिति से अवगत कराती रहूँगी। ईश्वर हमारे लोगों की और समस्त पीड़ित उत्तर बिहार की रक्षा करे।

वहीं कमला नदी का हाल बताते हुए राघवेंद्र रमन नाम के एक यूजर ने लिखा है कि कैसे पहली बार नदी का पानी पुल के ऊपर से गुजर रही है.

देश के अलग-अलग हिस्सों में इस वक्त प्रकृति अपना रंग दिख रही है. एक तरफ चेन्नई जैसा शहर कई महीनों से पानी का संकट झेल रहा है तो बारिश की वजह से असम बाढ़ के चपेट में है, वहीं मुंबई ना सिर्फ जलमग्न हुआ था बल्कि कई लोगों की जान भी गई थी. अब बारिश के कहर से बिहार सहमा हुआ है.