आज सुबह ही पीएम मोदी ने दूसरी बार लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है. उनकी इस घोषणा के बाद एक बार फिर से मजदूरों के घर वापसी की जद्दोजहद करती तस्वीरें सामने आने लगी हैं. इस बार ये तस्वीर मुंबई के बांद्रा स्टेशन से आई है. देश के अलग-अलग कोने के रहने वाले मजदूर इस घोषणा के बाद अपने-अपने घऱों को लौटाने को लेकर इकट्ठा हो गए हैं. बांद्रा स्टेशन पर मौजूद लोगों की एक ही मांग है कि उन्हें उनके राज्य या गांव जाने दिया जाया. हालांकि बाद में हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा है.
Thousands of migrants gather at Mumbai’s #Bandra railway station and protested. All are migrant workers, specially from Bihar-Bangal and they wanted to go home. They had hoped trains will start today. The police is investigating the matter and says crowd has been dispersed now. pic.twitter.com/NMHfv0CEpj
— Shivangi Thakur (@thakur_shivangi) April 14, 2020
Thousands of migrants gather in Mumbai’s Banda seeking a way back home
Even after 3 weeks into the lockdown, why is the govt. not being able to take care of it’s people?
Moreover, they are beaten up by the police#Bandra #Lockdown2 pic.twitter.com/x8sgWZmk7z— We The People of India (@ThePeopleOfIN) April 14, 2020
बांद्रा में इकट्ठा हुई भीड़ को लेकर आदित्य ठाकरे ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. अपने ट्वीट में वो इस बात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. आदित्य लिखते हैं- ‘बांद्रा स्टेशन की मौजूदा स्थिति, या यहां तक कि सूरत में दंगा भी हो रहा है, यह केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए घर वापस जाने की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होने का एक परिणाम है. वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे घर वापस जाना चाहते हैं. फिलहाल महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में 6 लाख से अधिक लोग शेल्टर होम में रह रहे हैं.’
The law and order situation in Surat, Gujarat, largely has been seen as a similar situation and the feedback from all migrant labour camps is similar. Many are refusing to eat or stay in.
Currently more than 6 lakh people are housed in various shelter camps across Maha.— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहली बार 21 दिन का लॉकडाउन की घोषणा की थी. अलग-अलग शहरों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों का उसके बाद क्या हुआ ये पूरे देश ने देखा. देश के अलग-अलग राज्यों से मजदूर अपने घरों को लौटने लगे थे. इस दौरान कुछ की भूख से तो कुछ की एक्सीडेंट में मौत हो गई. साथ ही इस दौरान सरकारी कुव्यवस्था खुलकर सामने आई.
आपको बता दें कि देश में महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. यहां कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मंगलवार को 121 नए मामले सामने आए. फिलहाल राज्य में मरीजों की संख्या 2455 और मरने वालों का आंकड़ा 162 तक पहुंच गया. मुंबई में मरने वालों की तादाद 100 के पार पहुंच गई है.
इस खबर के लिखे जाने तक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10815 और मरने वालों की संख्या 353 हो गई है. वहीं अगर वैश्विक आंकड़े की बात करें तो 19,30780 लोग कोरोना से संक्रमित हैं और 1,20,863 लोगों की मौत हो चुकी है.