बिहार प्रांत के भीतर तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं अभ्यर्थियों के लिए अंतहीन सफर साबित हो रही हैं. जब तक मामला कोर्ट में न पहुंचे तब तक कुछ होता ही नहीं. साल 2020 के STET के अभ्यर्थियों का भविष्य अब तक अधर में लटका हुआ है. ‘द बिहार मेल’ संवाददाता विष्णु नारायण ने STET के कुछ ऐसे ही अभ्यर्थियों से बात करके इस मामले को समझने व समझाने की कोशिश की है. देखें पूरी बातचीत…