क्या वाकई रोड रेज में हुई रूपेश की हत्या, पुलिस की कहानी में कितना दम?

क्या वाकई रोड रेज में हुई रूपेश की हत्या, पुलिस की कहानी में कितना दम?

साल 2021 का पहला माह बिहार और पटना के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा. एक ओर जहां सूबे में सियासी गर्माहट तारी रही, वहीं दूसरी ओर पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार की हत्या का मामला सुर्खियों में रहा. हालांकि इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में बीते रोज बिहार पुलिस ने प्रेस वार्ता के माध्यम से आरोपियों को प्रस्तुत किया. पुलिस का कहना है कि रूपेश की हत्या के पीछे मूल मकसद रोड रेज है यानी रूपेश सड़क पर चलते हुए अपनी हत्या के आरोपियों से उलझे थे, लेकिन पुलिस की ओर से दी गई यह थ्योरी किसी के पल्ले नहीं पड़ रही. विपक्ष तो लगातार हमलावर है. साथ ही इस बात को पचाना किसी भी संजीदा व्यक्ति के लिए मुश्किल हो रहा है-

प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कह रही पुलिस
रूपेश की हत्या के बाद से ही प्रेशर में चल रही बिहार की पुलिस ने ‘रूपेश हत्याकांड’ को सुलझाने के दावे किए हैं. बीते रोज (3 फरवरी) को पुलिस ने रूपेश की हत्या को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूपेश की हत्या रोडरेज की वजह से हुई. 29 नवंबर को ऋतुराज नाम के आदमी के साथ रूपेश का मामूली विवाद हुआ था. इस विवाद में नोंकझोंक और बहस के बाद मारपीट भी हुई. इस मारपीट का बदला लेने के लिए ऋतुराज ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर रूपेश की हत्या की. पटना एसएसपी के अनुसार ऋतुराज के पास से पिस्टल और चार जिंदा कारतूस के साथ एक बाइक भी बरामद की गई है. पुलिस के मुताबिक यह वही पिस्टल है जिससे रूपेश की हत्या की गई. पुलिस ने मीडिया से बातचीत में यह बात भी कही कि आरोपियों ने 12 जनवरी से पहले भी चार बार रूपेश की हत्या की नाकाम कोशिशें कीं.

पुलिस की कहानी में कितनी सच्चाई?
पटना एसएसपी की बातों के हिसाब से पुलिस ने आरोपी को पकड़ने में कड़ी मेहनत की है. 200 सीसीटीवी कैमरों, 4000 सीडीआर और 600 जीबी डेटा को खंगाला गया है. इसके बाद आरोपी पकड़ में आया, लेकिन ‘रूपेश हत्याकांड’ को लेकर पुलिस का यह वर्जन बहुतों को नागवार लगा है.

पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा (तस्वीर स्त्रोत – यूनिवार्ता)

पुलिस के वर्जन के हिसाब से पहले आरोपी गिरफ्तार किया गया, और उसके बाद उन्हें हत्या का मोटिव मिला. चूंकि किसी भी क्राइम में सबसे पहले (मोटिव और इंटेंशन – प्रेरणा और मंशा) देखी जाती है. ऐसे में इस पूरे मामले को समझने के लिहाज से हमने दैनिक भास्कर के क्राइम रिपोर्टर शशि सागर से बात की. शशि सागर हमसे बातचीत में कहते हैं, ‘पुलिस की कहानी सटीक व संतोषजनक तो बिल्कुल नहीं है. हत्या का मोटिव भी समझ से बाहर है. रोडरेज विवाद के 2 महीने बाद किसी शख्स की हत्या कर देना थोड़ा अटपटा है’.

आरोपी के परिजनों की मानें तो ऋतुराज सनकी है
आरोपी ऋतुराज के परिजन के अनुसार उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है. वह सनकी प्रवृत्ति का आदमी है. आरोपी के पिता के अनुसार ऋतुराज को जब एक दिन व्यावसायिक जिम्मेदारी में हाथ बंटाने के लिए कहा गया, तब उसने उन पर ही पिस्टल तान दी थी. ऋतुराज की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. वह शॉर्ट टेंपर व्यक्ति. उसे गुस्सा जल्दी आता है, और गुस्से में वह तात्कालिक प्रतिक्रिया देता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कोई मानसिक तौर पर असंतुलित व्यक्ति ने एक बार में ही रूपेश की ठोस पहचान कैसे की होगी?

हमारे इस सवाल पर क्राइम रिपोर्टर शशि सागर यह सवाल जनता के लिए छोड़ते हैं कि मानसिक तौर पर पीड़ित व्यक्ति अपनी पहली ही हत्या को इतने सुनियोजित तरीके से कैसे अंजाम दे सकता है?

रूपेश के परिजनों को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं
रूपेश हत्याकांड के बाद पुलिस के इस वर्जन पर रूपेश के परिजनों ने भी आपत्ति जताई है. उन्हें पुलिस के वर्जन पर यकीन नहीं हो रहा. रूपेश कुमार की पत्नी नीतू सिंह और रूपेश के भाई नंदेश्वर सिंह इस कहानी पर विश्वास नहीं कर पा रहे. उनका कहना है कि हत्या की वजह इतनी छोटी होगी, यह बात गले से नहीं उतर रही. रूपेश की पत्नी का कहना है कि पुलिस के अनुसार रोड रेज विवाद में बहस और मारपीट हुई, लेकिन यह बात सही नहीं है. रूपेश जब गाड़ी से उतरे तब तक वे लोग भाग चुके थे. किसी तरह की हाथपाई और बहस तो हुई ही नहीं.आरोपी ऋतुराज झूठ बोल रहा है. परिजनों के हिसाब से इस पूरे मामले में किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है. रूपेश के परिजनों ने यह मांग भी की है कि रूपेश हत्याकांड की जांच पटना हाइकोर्ट के किसी न्यायधीश की निगरानी में होनी चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी उठाए सवाल
रूपेश हत्याकांड मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार पर पहले दिन से ही हमलावर हैं. पुलिस के इस खुलासे के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि रूपेश हत्याकांड में साफ तौर पर किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है. नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आंख के तारों को बचाने के लिए बकरा खोज रहे हैं. आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज लिया है. यकीन मानिए ऐसी कहानी सी ग्रेड फिल्मों में भी नहीं मिलेगी.आपको पुलिस की कहानी जरूर सुननी चाहिए. इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष के कई और नेता पुलिस की जांच से मुतमइन नहीं है.उन्होंने ऐलान किया है कि वो गुरुवार को इस मामले को लेकर राज्यपाल तक जाएंगे…