बिहार में शराबबंदी के बाद अब गुटखा और पान-मसाला पर भी बैन

बिहार में शराबबंदी के बाद अब गुटखा और पान-मसाला पर भी बैन

ऐसा लगता है जैसे बिहार धीरे-धीरे बैन प्रदेश की ओर बढ़ता चला जा रहा है. पहले शराब के बिकने और पीने पर बैन लगा, और अब गुटखा एवं पान-मसाला पर एक साल के लिए बैन लगाने की बात कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने बिहार प्रदेश के भीतर बिकने वाले अलग-अलग ब्रांड के पान-मसालों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है.

ऐसी बातें कही जा रही हैं कि बिहार में शराबबंदी लागू करने के बाद प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर को ऊंचा करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पान-मसाला के बिक्री पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. पिछले कुछ वक्त से राज्य सरकार को इस बात की शिकायत मिल रही थी कि बिहार में जो पान मसाला बिक रहा है, उसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट की मात्रा पाई जा रही है.

सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. शंकर पंडित इस बैन पर लिखते हैं, “नीतीश के फैसले से बिहारियों में खुशी की लहर, अब पान मसाला की भी होगी होम डिलीवरी.”

गुटखा और पान-मसाले पर बैन

यहां हम आपको बता दें कि इसी साल जून और अगस्त के बीच में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 20 ब्रांड के पान-मसालों के नमूनों की जांच करने के बाद इस बात को सही पाया कि पान-मसाला में मैग्नीशियम कार्बोनेट होता है. जिसकी वजह से लोगों को हृदय रोग और अन्य गंभीर किस्म की बीमारियां हो सकती हैं.

जिन ब्रांड के पान मसाला की जांच की गई उनमें रजनीगंधा पान मसाला, राज निवास पान मसाला, सुप्रीम पान पराग पान मसाला, पान पराग पान मसाला, बहार पान मसाला, बाहुबली पान मसाला, राजश्री पान मसाला, रौनक पान मसाला, सिग्नेचर पान मसाला, कमला पसंद पान मसाला, मधु पान मसाला शामिल हैं.

सरकारी आदेश के अनुसार बिहार के लोगों के स्वास्थ्य की भलाई के उद्देश्य से अब पान मसाला के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है. हालांकि इस पूरे बैन में शासन-प्रशासन को विशेष तौर पर देखना होगा कि कहीं पान-मसाला बैन की स्थिति शराबबंदी जैसी ही न हो जाए कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद लोग शराब पी रहे हैं. शराब की होम डिलीवरी हो रही है.