कोलकाता में पीएम मोदी के सामने लगे ‘जय श्री राम’ के नारे, ममता बनर्जी बिफरीं…

कोलकाता में पीएम मोदी के सामने लगे ‘जय श्री राम’ के नारे, ममता बनर्जी बिफरीं…

पश्चिम बंगाल में इन दिनों सियासी कश्मकश अपने चरम पर है. इसकी एक बानगी पीएम मोदी के मंच से भी देखने को मिली. मौका था नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान और उनके 125वें जयंती का भव्य समारोह. इस मंच पर पीएम मोदी के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं, लेकिन बखेड़ा तब खड़ा हो गया जब इस कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे पीएम मोदी की मौजूदगी में लगने लगे.

जैसे ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बोलने के लिए उठीं, वैसे ही ‘जय श्री राम’ के नारे लगने लगे. नारेबाजी से ममता बनर्जी बिफर गईं, और सीधे पीएम मोदी से रूबरू होते हुए बोलीं कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, यदि किसी की बेइज्जती ही करनी थी तो फिर उसे आमंत्रित क्यों किया? उन्होंने आगे अपनी बात नहीं कही.

इसके अलावा सीएम ममता बनर्जी की नाराजगी इस बात को भी लेकर थी कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाने से पहले राज्य सरकार से राय-मशविरा क्यों नहीं लिया गया? दरअसल, बीते रोज पीएम मोदी ने कोलकाता में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही कि अब से नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा. नेताजी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी का जीवन, उनका संघर्ष और उनके द्वारा किए गए कार्यों के साथ ही लिए गए तमाम निर्णय सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं. देश की 130 करोड़ जनता हमेशा नेताजी की ऋणी रहेगी.

जानें मौके से क्या बोले पीएम मोदी-
पीएम मोदी ने विक्टोरिया मेमोरियल के ऐतिहासिक प्रांगण में सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज देश में होते बदलावों को देखकर नेताजी को कितनी संतुष्टि मिलती? उन्हें कैसा लगता जब दुनिया की सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी में अपने देश को आत्मनिर्भर बनते देखते?”. साथ ही उन्होंने भारत द्वारा इस बीच कोविड संक्रमण के लिहाज से बनाए गए टीके के निर्माण और दूसरे देशों के मदद का भी जिक्र किया कि यह सब देखकर नेताजी गौरवान्वित होते.


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह बात भी कही कि देश आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नक्शेकदम पर चल रहा है. वे हमेशा भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के तौर पर देखना चाहते थे. उनके सपने पूरे हो रहे हैं.

पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल के बीच जारी है कश्मकश
यहां हम आपको बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के भीतर विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तारी हैं. तृण मूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के काडर के बीए आए दिन हिंसक झड़पों के वीडियोज देखने को मिल रहे हैं. भाजपा के बड़े नेता ममता बनर्जी और उनकी पार्टी पर लगातार हमलावर हैं. भाजपा की कोशिश है कि पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों को अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जाए. रवींद्रनाथ ठाकुर से लेकर स्वामी विवेकानंद की विरासत को अपने पाले में खींचने की कोशिशें जारी हैं. दुर्गा व काली पूजा मनाने में भी भाजपा के नेता गण अपनी तत्परता दिखा रहे हैं. खुद अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे बड़े भाजपा नेता लगातार पश्चिम बंगाल के दौरे कर रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ तृण मूल कांग्रेस मुखिया ममता बनर्जी हैं. उन्होंने अभी से यह ऐलान कर दिया है कि वह पश्चिम बंगाल में दो-दो विधानसभा सीटों से लड़ेंगी. उन्होंने हाल ही में कहा, “नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है तो भवानीपुर मेरी छोटी बहन.अगर संभव हुआ तो मैं दोनों सीटों से चुनाव में उतरूंगी”. यहां हम आपको अंत में यह बताते चलें कि नंदीग्राम और सिंगुर की वजह से ही बंगाल से वाम सरकार जाती रही, और नंदीग्राम को सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है. कुछ महीने पहले ही सुवेंदु अधिकारी ने सीएम ममता के कैबिनेट से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा लिया. ऐसे में ममता बनर्जी भी कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहतीं कि सत्ता उनके हाथों से सरक जाए-

यह खबर/रिपोर्ट शाम्भवी वत्स ने लिखी है, शाम्भवी पटना यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में स्नातक हैं. इन दिनों ‘द बिहार मेल’ के साथ बतौर इंटर्न काम कर रही हैं—