भारतीय राजनीति के लिहाज से केन्द्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला ले लिया है. मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केन्द्रशासित क्षेत्रों में बांट दिया है. मोदी सरकार ने धारा 370 को भी जम्मू-कश्मीर से हटाने का फैसला लिया है.
यहां हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य होगा और इसमें विधानसभा भी होगी. यानी यह दिल्ली की तर्ज पर होगा, लेकिन इसमें राज्यपाल की जगह लेफ्टिनेंट गवर्नर होगा. दूसरा केंद्र शासित राज्य लद्दाख होगा और इसमें कोई विधानसभा नहीं होगी. इस पर संसद में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच खासी बहस जारी है.
गौरतलब है कि धारा 370 एक अस्थायी प्रावधान के तहत लगाई गई थी. इसे 26 जनवरी 1957 को जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के साथ ही खत्म हो जाना था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. धारा 370 न सिर्फ जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देती है, बल्कि इस राज्य के लिए कानून बनाने के मामले में केंद्र की शक्तियां भी सीमित करती है. आजादी के बाद से ही इस विषय पर काफी बहसें होती रही हैं. धारा 370 को हटाना केंद्र में सत्ताधारी भाजपा के प्रमुख मुद्दों में से एक रहा है.
इस फैसले की वजह से राज्य में हालात बिगड़ने का ख्याल रखते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित जम्मू-कश्मीर के कई प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार या फिर नजरबंद कर दिया गया है. पीटीआई के मुताबिक कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये ऐहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं. श्रीनगर में अगले आदेश तक धारा 144 लागू हो गई है और जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
महबूबा मुफ्ती ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के भारतीय उपमहाद्वीप पर गंभीर प्रभाव होंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर पर अपना वादा तोड़ दिया है. जम्मू-कश्मीर की राजनीति में खासी दखल रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी मोदी सरकार के इस फैसले का सदन में कड़ा विरोध कर रहे हैं.
To the people of Kashmir, we don’t know what is in store for us but I am a firm believer that what ever Almighty Allah has planned it is always for the better, we may not see it now but we must never doubt his ways. Good luck to everyone, stay safe & above all PLEASE STAY CALM.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 4, 2019
श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी के कई अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं जो पिछले हफ्ते यहां पहुंचे थे. शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे और केंद्र सरकार के दफ्तरों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. घाटी में आए टूरिस्ट्स वापस लौट रहे हैं. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं.