बिहार सरकार ने दावा किया है कि कोविड-19 की वजह से राज्य से बाहर फंसे 10 लाख से ज्यादा श्रमिकों को 1,000-1,000 रुपये की सहायता राशि उनके खाते में दी गई है। ज्यादातर श्रमिक दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में फंसे हैं।
दरअसल बिहार सरकार ने 1000 रुपये के हस्तांतरण के लिए जियोफेन्सिंग नेटवर्क का सहारा लिया है। इसके तहत तय स्थान की जानकारी के बाद ही राशि देने की प्रक्रिया शुरू होती है, यह बिहार से बाहर फंसे लोगों के लिए है। इसके लिए aapda.bih.nic वेबसाइट पर जाकर वहां से एप डाउनलोड कर सकते हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल करके सहायता राशि लेने या अब तक कोशिश कर रहे लोगों का कहना है कि इसमें कई तरह की दिक्कतें आती हैं और काफी समय लगता है। कभी-कभी तो एप डाउनलोड होने के लिए वेबसाइट नहीं खुलता है तो कभी आधार कार्ड लिंक होने में काफी दिक्कतें आती हैं। इसके बाद कुछ का कहना है कि ओटीपी आने में भी दिक्कतें आती हैं। लेकिन इन सभी परेशानियों के बाद भी इस संकट की घड़ी में लोगों के लिए यह एक हजार रुपये की राशि काफी मायने रखती है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने द इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि धन बिहार से फंसे 10,11,473 श्रमिकों के खाते में भेजा गया है। इस तकनीक से सिर्फ वही लोग पंजीकरण कर रहे हैं जो बिहार के बाहर हैं। इसके लिए फोटो और आधार कार्ड की जरूरत होती है और खाता बिहार में ही होना चाहिए।
हालांकि यहां एक अपील उन पढ़े-लिखे बिहार के लोगों से है जो राज्य के बाहर रहते हैं और अच्छी नौकरियों में हैं लेकिन ऐसा मामला सामने आया है कि उनमें से भी कुछ लोग कथित तौर पर इस तकनीक का इस्तेमाल करके यह सहायता राशि ले रहे हैं। तो ऐसे लोग एक बार जरूर बाहर फंसे इन मजदूरों के बारे में जरूर सोंचे और वह यह देखें कि वह अपने राज्य के साथ धोखा तो नहीं कर रहे हैं।
हालांकि नीतीश कुमार ने जनता के नाम संदेश में कहा है कि संक्रमण के कारण पूरी मानव जाति संकट में है और इसकी गंभीरता को देखते हुए सोशल डिस्टेंस ही एक मात्र उपाय है। हालांकि उन्होंने लॉकडाउन के बीच फंसे श्रमिकों को वापस राज्य में लाने के लिए कोई बात नहीं कही है। उनका कहना है कि राज्य सरकार फंसे श्रमिकों को हर संभव सहायता कर रही है।
जदयू से बगावत करने वाले पूर्व नेता और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि देश भर में बिहार के लोग फंसे हुए हैं और मुख्यमंत्री लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री के साथ इस संबंध में चर्चा तक नहीं की।
सहायता राशि प्राप्त करने के लिए जरूरी जानकारी जो कि बिहार सरकार के वेबसाइट से ली गई है।
यह योजना केवल उन्हीं लोगों के लिए है जो बिहार राज्य के निवासी है तथा बिहार राज्य से बाहर कोरोना वायरस के चलते फसें हुए है। इसके लिए जरूरी कागजात…
1. लाभार्थी के आधार कार्ड की प्रति
2. लाभार्थी के नाम से बैंक खाता जो बिहार राज्य में अवस्थित किसी बैंक के ब्रांच में हो |
अन्य महत्वपूर्ण बातें –
1. लाभार्थी के फोटो (सेल्फी) का मिलान आधार डेटाबेस के फोटो से किया जायेगा अतः आधार का फोटो साफ होना चाहिए।
2. एक आधार संख्या पर एक ही रजिस्ट्रशन होगा।
3. मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओo टीo पीo मोबाइल एप पर करना होगा।
4. इससे सम्बंधित सहायता सिर्फ बैंक खाता में हीं भेजा जायेगा।