देश में कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लागू प्रतिबंधों और लॉकडाउन के करीब नौ महीने बाद सोमवार से बिहार में स्कूल और कॉलेज खुल रहे हैं. शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे सभी दिशा–निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करें. फिलहाल कक्षाओं में 50 फीसदी विद्यार्थियों को ही स्कूल आने की अुनमति है. इसके लिए कई स्कूलों ने सम/विषम संख्या के आधार पर स्टूडेंट्स को बुलाना तय किया है.
आपको बता दें कि नौवीं से 12वीं तक के ही कक्षाओं को खोलने की अभी इजाजत मिली है. पटना जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति कुमार ने स्पष्ट किया है कि कोई भी स्कूल बच्चों को जबरन क्लास में आने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं और बच्चे तभी कक्षाओं में आएंगे जब उनके माता–पिता लिखित में इसकी अनुमति देंगे. स्कूलों को ऑनलाइन क्लास जारी रखना है.
इस दौरान स्कूलों को मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग, सामाजिक दूरी आदि जैसे जरूरी दिशा–निर्देश का पालन करने का आदेश दिया गया है. उनसे कहा गया है कि मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन किया जाए और स्कूल के हर क्षेत्र के सैनिटाइज किया जाए.
आपको बता दें कि 18 दिसंबर, 2020 को संकट प्रबंधन समूह की बैठक में स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया था. बिहार में कोविड-19 के 282 नए मामले सामने आए हैं और पिछले 24 घंटे में दो लोगों की मौत हुई है. राज्य में अब तक 2,53,934 लोग संक्रमित हो चुके हैं. फिलहाल 4,319 लोगों का उपचार चल रहा है.