देश में सबसे ज्यादा बिहारियों ने नोटा का बटन दबाया

देश में सबसे ज्यादा बिहारियों ने नोटा का बटन दबाया

लोकसभा चुनावों में देश में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने नोटा का बटन दबाया. इससे साबित होता है कि सबसे अधिक बिहार की जनता को ही अपने उम्मीदवार पसंद नहीं आए. बिहार के कुल 8.17 लाख मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) का इस्तेमाल किया है. इसी तरह, राजस्थान में 3.27 लाख मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना.

बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में से एक तिहाई पर लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं के लिए नोटा तीसरे सबसे पंसदीदा विकल्प के रूप में सामने आया है.  चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार के सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में से एक तिहाई में मतदाताओं के लिए नोटा तीसरा सबसे पसंदीदा विकल्प बनकर उभरा है जो कि कुल वैध मतों का दो प्रतिशत है.  गोपालगंज में सबसे ज्यादा 51,660 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना. यह सीट जेडीयू के अजय कुमार सुमन को मिली जिन्होंने आरजेडी के सुरेंद्र राम को 2.86 लाख मतों से हराया.

 दमन और दीव में 1.7 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 1.49 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 1.44 फीसदी मतदाताओं ने नोटा को चुना. पंजाब के 1.54 लाख से अधिक मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम चुनावों में 45,000 से अधिक मतदाताओं ने नोटा विकल्प को चुना जो 2014 के आम चुनाव में इस श्रेणी में डाले गए मतों से 6,200 अधिक है. मध्य प्रदेश में 3,40,984 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी चुनाव परिणाम के मुताबिक, राज्य में 3,40,984 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था, जो कुल मतदान का 0.92 प्रतिशत है. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में 3,91,837 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया था, जो कुल मतदाताओं को 1.32 प्रतिशत था.

बता दें कि देश में उम्मीदवारों की सूची में नोटा को 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शामिल किया गया था. इससे मतदाताओं को एक ऐसा विकल्प मिला कि अगर वह अपने क्षेत्र के किसी उम्मीदवार को पसंद नहीं करते हैं तो वह नोटा को वोट कर सकते हैं. 16वीं लोकसभा के चुनाव में 2014 में पहली बार संसदीय चुनाव में नोटा की शुरुआत हुई. यह खबर PTI-BHASHA समाचार एजेंसी से ली गई है.