साल 2020 के विधानसभा चुनाव और परिणाम ने सबकी झोली में कुछ न कुछ दिया. पहला सत्र भी हंगामे भरा रहा. विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भी वोटिंग हुई, लेकिन इस वोटिंग के दौरान लोगों और मीडिया की नजरें बसपा के एक मात्र विधायक पर भी रहीं. चैनपुर विधानसभा की जनता के बलबूते विधानसभा पहुंचे ज़मा खां ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. तब से ही ऐसे सवाल उठ रहे थे/हैं कि वे कभी भी सत्ता पक्ष के साथ जा सकते हैं. उन्हें सत्ता पक्ष मंत्री पद ऑफर कर रहा है.
खुद को बसपा और बहनजी का सिपाही कहने वाले ज़मा खां के जद(यू) में जाने की बातें तब और सिर उठाने लगीं, जब वे बीते माह जद(यू) के वरिष्ठ नेता और तब प्रदेश अध्यक्ष रहे वशिष्ठ नारायण सिंह से मिलने पहुंचे थे. कांग्रेस के चेनारी से विधायक मुरारी गौतम भी उनके साथ थे. उनके कहे अनुसार तो तब वे अपने इलाके की समस्याओं और धान खरीद के मसले पर वशिष्ठ नारायण सिंह से मिलने पहुंचे थे, लेकिन इस बात को कोई भी समझ सकता है कि वशिष्ठ नारायण सिंह तो किसी मंत्री पद पर भी नहीं हैं- और राजनीति में ऐसी मुलाकातों के भी कई निहितार्थ निकाले जाते हैं. तिस पर से कांग्रेस विधायक का वहां से निकलने के बाद मीडिया के कैमरों से मुंह छिपाना बहुत कुछ कह गया-
द बिहार मेल से बातचीत में कहीं भी जाने से किया था इंकार
यहां हम आपको यह विशेष तौर पर बताते चलें कि विधानसभा के पहले सत्र के दौरान भी ऐसी बातें आम थीं. द बिहार मेल ने तब उनका साक्षात्कार किया था. बसपा छोड़कर कहीं भी जाने के सवाल पर तब उनका कहना था कि वे बहनजी (बसपा सुप्रीमो मायावती) के सिपाही हैं. विधानसभा अध्यक्ष पद पर हो रही वोटिंग के दौरान भी उन्होंने ठीक वही किया जो बहनजी ने कहा था, और आगे वे बसपा के साथ बरकरार रहेंगे. वे बसपा की मजबूती के लिए काम करने को प्रतिबद्ध हैं.
अब जब कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है. मुकेश सहनी के साथ ही औचक नाम के तौर पर शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद का सदस्य बनाया जा चुका है. ठीक उसी समय में एक बार फिर से ऐसी बातें आने लगी हैं कि बसपा के एक मात्र विधायक ज़मा खां जद (यू) ज्वाइन कर सकते हैं. हालांकि बीती रात ‘द बिहार मेल’ सी बातचीत में उन्होंने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया. उनके कहे अनुसार वे कल क्षेत्र (कैमूर जिले ) में थे, और आज (22 जनवरी) को पटना आने वाले हैं- वैसे हमारे सूत्रों के हिसाब से ज़मा खां के बसपा छोड़कर जद (यू) का दामन थामने की बस आधिकारिक घोषणा बाकी है—