पश्चिमी उत्तरप्रदेश का बुलंदशहर जिला एक बार फिर से सुर्खियों में है. शहर के गुलावठी थाना क्षेत्र में एक जूता विक्रेता पर केस दर्ज हो गया है. जूता विक्रेता का नाम मोहम्मद नासिर है. ऐसा कहा जा रहा है कि नासिर की दुकान पर कुछ लोग जूते व चप्पल खरीदने पहुंचे. वहां उन्होंने जूते के सोल पर ‘ठाकुर’ लिखा देखा. लोगों ने नासिर के सामने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद से दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और बात मारपीट तक जा पहुंची.
यहां हम आपको यह बताते चलें कि उत्तरप्रदेश समेत हिन्दी पट्टी के कई राज्यों में ‘ठाकुर’ शब्द ‘राजपूत’ जाति के लोगों के लिए इस्तेमाल होता है. युवक की आपत्ति भी इसी शब्द के सोल पर लिखे जाने को लेकर थी. ऐसे में उस युवक ने नजदीक के गुलावठी थाने में तहरीर दी. युवक ने शिकायत में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. वहीं दुकानदार का कहना था कि इसमें उसका कोई दोष नहीं, वह तो महज विक्रेता भर है.
थाना गुलावठी क्षेत्र से संबंधित प्रकरण के संबंध में रिपोर्ट- pic.twitter.com/yGdroUHsUJ
— Bulandshahr Police (@bulandshahrpol) January 6, 2021
इस पूरे मामले पर बुलंदशहर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. बुलंदशहर पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी है कि नासिर और अज्ञात कंपनी पर आईपीसी की धारा 153-A, 323 और 504 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने आगे कहा कि यदि वह कार्रवाई न करती तो बहुत से लोग उल्टी/भिन्न प्रतिक्रियाएं देतें. विवाद बढ़ने की संभावना को देखते हुए पुलिस उक्त दुकानदार को पूछताछ के लिए थाने लाई. पूछताछ के बाद युवक को छोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि भारत में जातीय अस्मिता और पहचान की राजनीति चारों तरफ देखने को मिलती है. जातियों के नाम पर खाप पंचायतें हैं, तो जातियों के नाम पर ऑनर किलिंग तक होती है. जातियां हमारे समाज में दंभ के पोषण का जरिया भी हैं. लोग अपनी-अपनी गाड़ियों के आगे-पीछे अपनी जातीय पहचान को चस्पा करके चलते देखे जाते हैं. जातियों को लुभाने के लिए समय-समय पर पार्टियां भी पैंतरे चलती रहती हैं. जातीय रैलियां होती हैं. शादी से लेकर पंगत तक में जातीय पहचान को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
हालांकि हमारे देश में अलग-अलग सरकारें गाड़ियों पर की जाने वाले ऐसे जातीय प्रदर्शनों पर सख्ती भी बरतती हैं. इस बीच उत्तरप्रदेश सरकार ने ऐसे आदेश जारी किए कि ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होगी, उनका चालान काटा जाएगा. कई लोगों का चालान कटा भी, लेकिन भारत की जनता तो फिर भारत की जनता है.