कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शुक्रवार को हुई. पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया 29 मई से शुरू होगी और जून तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है. इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही थीं.
मीडिया में ऐसी खबरें भी आई हैं कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद जून में पार्टी को नया अध्यक्ष मिलना तय हुआ है. पार्टी अध्यक्ष को लेकर बहस के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा, ‘‘ एक बार में यह फैसला ले लें और आगे बढ़ें.’’
बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और पी चिदंबरम ने कथित तौर पर तत्काल संगठन के भीतर चुनाव आयोजित करने की मांग की. वहीं अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, ए के एंटनी, तारिक अनवर और ओमान चांडी जैसे नेताओं का कहना था कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत पांच राज्यों में चुनाव के बाद चुनाव हो.
बैठक की शुरुआत में सोनिया गांधी ने किसानों के प्रति संवेदना जताते हुए मोदी सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमा पर किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार उनके प्रति गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का किसानों के प्रति जो रवैया है, वह बेहद चिंताजनक है. उन्होंने आगे कहा कि नए कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया है, इस पर संसद में सही तरीके से चर्चा तक नहीं की गई.
इसके अलावा इस बैठक में रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी के वायरल व्हाट्सऐप बातचीत को लेकर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच करने की मांग पर भी सहमति बनी. गांधी ने इस पर कहा, ‘‘दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं.’’
उन्होंने इस संबंध में आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से पूर्ण रूप से समझौता किया गया है. यहां आपको संक्षिप्त में बता दें कि टीआरपी घोटाले के बाद अर्नब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच की कुछ कथित व्हाट्सएप चैट्स सामने आई है.
इस बैठक में संसद के बजट सत्र पर भी चर्चा हुई. सोनिया गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि यह सरकार निजीकरण की हड़बड़ी में है. यहां आपको बता दें कि एक सप्ताह में बजट सत्र आंरभ होने जा रहा है. यह 2020 का बजट सत्र है जिसे बीते साल कोरोना महामारी के कारण नहीं किया गया था.
ज्ञात हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी को स्थायी अध्यक्ष नहीं मिल पाया है. इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा के बीच बहस की भी खबरें आईं हैं. गहलोत ने असंतुष्ट नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बार-बार चुनाव की मांग जो नेता कर रहे हैं, क्या उन्हें पार्टी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. शर्मा ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों का चुनाव करवाने की मांग की उठाई.