एडिटिंग के बजाय मुस्तैदी दिखाएं नीतीश कुमार, उनसे संभल नहीं रहा बिहार- तेजस्वी यादव

एडिटिंग के बजाय मुस्तैदी दिखाएं नीतीश कुमार, उनसे संभल नहीं रहा बिहार-  तेजस्वी यादव

बीते रोज (12 जनवरी 2021) को बिहार की राजधानी (पटना) में इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर की हत्या का मसला सियासी होता जा रहा है. अव्वल तो नेता प्रतिपक्ष ने इस घटना के प्रकाश में आने के बाद ट्विटर के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा मांग लिया, तो वहीं आज फिर से प्रेस वार्ता करके उन्हें अक्षम और थका हुआ करा दिया. साथ ही भाजपा के आला नेता भी सीएम से कार्रवाई करने की मांग करने लगे हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने प्रेसवार्ता के माध्यम से सरकार को घेरते हुए कहा कि बीते रोज हुए हत्याकांड (रुपेश हत्याकांड) की निष्पक्ष जांच हो. राज्य में हत्यारों, लूटेरों, भ्रष्टाचारियों, रंगदारों और बलात्कारियों का बोलबाला है. अपराधी बेलगाम हैं. सेलेक्टेड और नॉमिनेटेड मुख्यमंत्री से बिहार नहीं संभल रहा. हास्यास्पद तो यह है कि विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा है, साथ ही सरकार में शामिल बीजेपी के लोग भी सवाल उठा रहे हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी पर भी बोला हमला
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य के भीतर बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर के लिए न सिर्फ सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला बल्कि पीएम मोदी को भी घेरने की कोशिश की. विधानसभा चुनाव व प्रचार के दौरान पीएम मोदी द्वारा खुद को बिहार का बेटा कहने और दिल्ली में बैठकर सबकुछ ठीक करने की बात पर पूछा कि रुपेश कुमार सिंह के घर के लोग अब कैसे मनाएंगे छठ? उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी को थके और अक्षम मुख्यमंत्री से पूछताछ करनी चाहिए. आगे आकर कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही सवाल किया कि कहां है डबल इंजन की सरकार?

समीक्षा बैठक नहीं भिक्षा बैठक कर रहे सीएम
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के आला नेताओं द्वारा की जा रही समीक्षा बैठकों पर भी सवाल खड़े किए. वे बोले के सीएम इन तमाम समीक्षा बैठकों के नाम पर भिक्षा बैठकें कर रहे हैं. ट्रांसफर और पोस्टिंग कराके पैसे कमा रहे हैं. सीएम ने तो इस मामले या अन्य मामलों में अब तक अफसोस तक जाहिर नहीं किया. बिहार के आम लोग कहीं भी बाहर निकलने में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गुंडे सरकार चला रहे हैं.

रुपेश कुमार सिंह की कार जिससे वे घर लौटे थे- मौका-ए-वारदात से तस्वीर (स्त्रोत- द बिहार मेल)

एडिटिंग और मॉनिटरिंग के बजाय मुस्तैदी दिखाएं सीएम
एनडीए सरकार और विशेष तौर पर सीएम नीतीश कुमार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि जितनी मेहनत सीएम अपराध और बलात्कार की खबरों को छपने से रोकने में लगाते हैं. उतनी तत्परता से यदि वे अपराध और बलात्कार रोकने की कोशिश करते तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती. साथ ही कहा कि यदि गृह विभाग संभल नहीं रहा तो किसी और को दे दें सीएम.

विपक्ष तो विपक्ष, सत्ता पक्ष के नेतागण भी उठा रहे सवाल-
अंत में हम आपको यह भी बताते चलें कि राज्य के भीतर आए दिन प्रकाश में आ रहे आपराधिक मामलों और बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर पर विपक्ष तो हमलावर है ही, साथ ही भाजपा के आला नेता भी सरकार से ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. कुछ दिनों पहले जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सूबे में बिगड़ते हालात को लेकर सरकार से शिकायत के अंदाज में फेसबुक पोस्ट लिखी थी. वहीं अब भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने भी पांच दिन के भीतर रुपेश कुमार सिंह के हत्यारों के न पकड़े जाने की स्थिति में सीबीआई जांच की मांग कर दी है.


कहना न होगा कि सीएम नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद पर अनमने ढंग से बैठने की झलक उनके कार्यशैली में भी दिख रही है. सूबे भर में अपराध के बढ़ते मामले उनके कथित सुशासन पर सवालिया निशान हैं. तिसपर से भाजपा की ओर से दो-दो उप मुख्यमंत्री बनाकर सीएम नीतीश कुमार को घेरने की कवायद- इतना तो स्पष्ट है कि नीतीश कुमार पहले वाले नीतीश कुमार नहीं दिखाई पड़ रहे.उनके शासन का इक़बाल छीजता नज़र आ रहा है- अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वे अपने पुराने फॉर्म में आ पाते हैं या नहीं?