भाजपा के फायरब्रांड नेता व नवादा से सांसद गिरिराज सिंह ने बेगूसराय से चुनाव लड़ने हेतु इनकार कर दिया है. उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भाजपा नेतृत्व नवादा से बेगूसराय शिफ्ट कर रहा था. गिरिराज सिंह बात-बात पर लोगों को पाकिस्तान भेजने, देशद्रोह का सर्टिफिकेट देने वाले नेता व तीखी बयानबाजी के लिए खासी सुर्खियों में रहते रहे हैं.
गौरतलब है कि भाजपा ने पहलेपहल उनकी बेगूसराय से प्रत्याशिता तय की. उसके बाद महागठबंधन की ओर से (राजद बैनर तले) डॉ तनवीर हसन की प्रत्याशिता तय हुई. सबसे अंत में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया की सीपीआई की ओर से प्रत्याशिता तय की गई. जबकि ऐसी आम चर्चाएं थीं कि महागठबंधन बेगूसराय से कन्हैया को उम्मीदवार बना सकता है. ऐसे में बेगूसराय हॉट सीट बन गई है.
यहां यह बताना जरूरी है कि नवादा से बेगूसराय शिफ्ट किए जाने को लेकर गिरिराज सिंह शुरू से ही खफा चल रहे थे. इस फैसले को लेकर उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और प्रभारी भूपेन्द्र यादव के समक्ष अपनी बातें भी रखीं, लेकिन उनकी बातों को खास तवज्जो नहीं मिली. सीटिंग भाजपा सांसद की यह सीट लोजपा के खाते में चली गई. लोजपा ने यहां से सूरजभान सिंह के भाई चंदन कुमार को टिकट दिया है.
अब जबकि चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है. प्रत्याशी अपने पर्चे दाखिल कर रहे हैं. ठीक उसी समय गिरिरिज सिंह का बेगूसराय से लड़ने के लिए इनकार करना यह बताता है कि भाजपा के भीतर सबकुछ ठीक नहीं और अभी और भाजपा के भीतर और भी भगदड़ मच सकती है…