लोकसभा चुनाव के पांच चरणों का मतदान हो चुका है और छठे चरण के मतदान में सबकी निगाहें दिल्ली की और हैं..राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली. दिल्ली में यूँ तो चारो ओर चुनावी माहौल बन गया है लेकिन दक्षिण दिल्ली में कांग्रेस के ओलंपिक पदक विजेता विजेंद्र सिंह को उतारने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. जहाँ एक ओर कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस ने सोच समझकर ये दाँव खेला वहीं दूसरी ओर अब भी कुछ लोग यहां मोदी के नाम पर वोट मिलने की बात कर रहे हैं.
गुर्जर समुदाय के एक बुजुर्ग का कहना है कि कांग्रेस ने जानबूझकर विजेंद्र को मैदान मे उतारा है ताकि मुकाबला गुर्जर ओर जाट समुदाय के बीच हो.. ये एक सोची समझी चाल है. लोग मोदी और बिधूड़ी के काम से खुश है और उन्हें हराना यहां संभव नहीं होगा.

देवली में रहने वाले जगदीश का कहना है कि अबकी बार भी मोदी ही आएंगे. लेकिन क्यों आएंगे ये पूछे जाने पर उनका जवाब और चौंकाने वाला था. उन्होंने सीधे स्पष्ट शब्दों मे कहा ‘मुसलमानों पर देखो कैसी लगाम कस रखी है.’ इस बात पर जब हमने असहमति दिखाई तो वह कहने लगे कि चलो कुछ मानो ना मानो आप यह तो मानोगे कि मोदी पाकिस्तान से कैसे हमारे पायलट को वापस ले आए.
इसी तरह तुगलकाबाद में ऑटो चलाने वाले शिवा का भी कहना है: ‘आएंगे तो मोदी ही’
उन्होंने कहा ” बिजली, पानी लाने की बात तो सब पार्टियां करती हैं, लेकिन मोदी ने जो देश के लिए जो किया उसे देखिये, किस प्रधानमंत्री ने आज तक पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों को मारा.”
वहीं नाम उजागर ना करने की शर्त पर दक्षिण दिल्ली मे रहने वाली MTNL की एक कर्मचारी ने बताया की मोदी के GST और अन्य कर कानूनों की वजह से उनका वेतन काफ़ी कट कर आने लगा है और इस वजह से MTNL के अधिकतर कर्मचारियों ने कांग्रेस को वोट देने का मन बना लिया है.
सैदुल्जाब के कई दुकानदारो ने भी मोदी सरकार के GST और नोटेबंदी जैसे कदमों का हवाला देते हुए कहा कि वे मोदी के इन कदमो से खासे पीड़ित हैं और इस बार निश्चित तौर पर कांग्रेस को ही वापस सत्ता मे लाना चाहेंगे..
इन बातों के बीच घरेलू काम करने वाली कृष्णा से ज़ब पूछा गया की वह किसको वोट देंगी तो उनका जवाब था कि अभी तो उन्होंने यह तय नहीं किया है लेकिन पिछली बार उन्होंने कमल को वोट दिया था.

हमने उनसे जब यह पूछा कि क्या उन्होंने बिधूड़ी को वोट दिया था तो उनका जवाब था, ‘नहीं कमल पर तो मोदी थे ना!’
बिजली, सड़क, यातायात जाम.. आदि जैसे मुद्दों पर बात करने वाली आम जनता अब सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़ी–बड़ी बातों को चुनाव मे अहमियत दे रही है और ऐसा लग रहा है कि गरीबी तो देश से खत्म ही है और सरकार की जिम्मेदारी तो बस पड़ोसी देश से दो-दो हाथ होना ही है क्यूंकि देश तो चल ही रहा है. देश में तो कोई समस्या है ही नहीं. देश के लिए जितनी जरूरी सुरक्षा नीति है उतनी ही जरूरी मूलभूत सुविधाएं भी हैं.

वहीं आप की बात करें तो आप का दक्षिण दिल्ली मे कुछ ऐसा जोर है कि लोग उनसे मिली बिजली, पानी सुविधाओं से काफी खुश हैं लेकिन लोकसभा चुनाव मे उनको मौका नहीं देना चाहते. हलांकि विधानसभा में उन्हें वापस लाने को तैयार हैं.
नोट: यह आलेख निहारिका ने लिखा है और वह पेशे से पत्रकार हैं.