बिहार के भीतर कोरोना जांच में हुई गड़बड़ियां एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. कोरोना जांच से जुड़ी रिपोर्ट सामने आने के बाद से नेता प्रतिपक्ष सरकार पर लगातार हमले बोल रहे हैं. तेजस्वी यादव ने इस संदर्भ में अपने पुराने वीडियो फिर से ट्विटर पर पोस्ट किए. साथ ही कहा कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से जमुई के सिविल सर्जन समेत चार कर्मियों को सस्पेंड और छह कर्मियों की बर्खास्ती महज दिखावा है.
तेजस्वी यादव ने हमले को और तीखा करते हुए कहा कि सीएम इससे पूर्व के घोटालों की तरह इस बार भी मामले की अच्छे से जांच करने की बजाय छोटे स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त कर रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने अपने ट्वीट में लिखा, ” अरबों का कोरोना घोटाला सामने आने के बाद नीतीश जी दिखावटी तौर पर जैसा कि पूर्व के 61 घोटालों में करते आए हैं छोटे स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का नाटक रच, धन उगाही कर जदयू को चुनावी चंदा देने वाले उच्च अधिकारियों को बचाएंगे. यही नीतीश कुमार की स्थापित नीति, नीयत और नियम है.”
Nitish Kumar has unique kind of governance model.
Culprits, Corruptionist, Manipulators cum Originators are the Investigators of the scams.
Need we say anything on the outcome of such investigations?
Nitish’s AMRIT VAANI is “You save my skin, I will save yours.” #CoronaScam
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 13, 2021
यहां हम आपको बताते चलें कि इससे पूर्व में भी तेजस्वी ने दो ट्वीट्स करते हुए सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा था. उन्होंने लिखा कि बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही. बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया गया. उन्होंने आगे सवाल किया कि कैसे केवल 3 दिनों में बिहार में कोरोना की टेस्टिंग की संख्या दुगनी हो गई? वहीं लगभग 15 दिनों में यह संख्या एक लाख और 25 दिनों में दो लाख तक पहुँच गई.
कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा-
कोरोना से जुड़े ऐसे मामलों के सामने आने के बाद से कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्र ने राज्य में कोरोना जांच रिपोर्ट में हुए कथित फर्जीवाड़े को चिंताजनक बताया और पूरे मामले की जांच की मांग की. उन्होंने मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री से इस मामले में तत्काल स्थिति स्पष्ट करने तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
गौरतलब है कि इस बीच इंडियन एक्सप्रेस अखबार में बिहार के भीतर कोविड टेस्टिंग में फर्जीवाड़े से जुड़ी रिपोर्ट छपने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है. इस फर्जीवाड़े के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डेटा की जो इंट्री हुई है, उसमें न तो मोबाइल नंबर और न ही पता मैच कर रहा है और बहुत सारे मोबाइल नंबर फर्जी साबित हुए हैं.
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. यहां आपको बता दें कि फिलहाल इस मामले में जमुई के सिविल सर्जन समेत, डीपीएम, डीआईओ, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, सिकंदरा और बरहट पीएचसी के चिकित्सा प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.