सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी देर से हुई कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी की रिहाई

सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी देर से हुई कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी की रिहाई

हिंदू देवीदेवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने और पेशी वॉरंटो पर रोक के बाद भी कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी का जेल से बाहर आना आसान नहीं रहा. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इंदौर के एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के फोन के बाद ही फारुकी के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को अदालत की वेबसाइट से निकालकर देखा गया और इसके बाद ही शनिवार देर रात कॉमेडियन को जेल से छोड़ा गया.

खबरों के मुताबिक जेल अधीक्षक का कहना था कि मामला संवेदनशील था इसलिए वे इस संबंध में आदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे. केंद्रीय जेल प्रशासन प्रयागराज की अदालत द्वारा जारी वॉरंट का हवाला देते हुए जेल से मुक्त करने से मना कर रहे थे.  इस दौरान जेल नियमावली का हवाला भी दिया गया और कहा गया कि फारुकी को छोड़ने के लिए प्रयागराज की अदालत या ‘किसी संबद्ध अधिकारी’ के आदेश की जरूरत होगी.

फारुकी को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी थी. मध्य प्रदेश में विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से फारुकी इंदौर की केंद्रीय जेल में बंद थे.