मेडिकल और डेंटल प्रवेश परीक्षा यानि कि नीट अब साल में दो नहीं सिर्फ एक बार ही होगी. सरकार ने पिछले महीने ही इस परीक्षा को साल दो बार कराने का फैसला किया था. स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुशंसा पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे मान लिया है. नीट की परीक्षा को ऑनलाइन लेने का फैसला लिया गया था लेकिन इसमें फिर से बदलाव करते हुए पहले की तरह ही ऑफलाइन मोड में लिया जायेगा. साल में एक परीक्षा और ऑफलाइन को दोबारा लागू करने के पीछे ग्रामीण छात्रों की सहूलियत का हवाला दिया जा रहा है.
यहां हम आपको बता दें कि जुलाई में सरकार ने यह फैसला किया था कि आईआईटी और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा साल में दो बार हो. दो बार परीक्षा कराने का उद्देश्य यह था कि अगर किसी छात्र का एक प्रयास खराब चला जाता है तो उसका पूरा साल बर्बाद न हो. वो 6 महीने के अंदर पुनः उसी परीक्षा में बैठकर अपना परिणाम बेहतर कर ले. हालांकि यह बदलाव बस नीट में ही किया गया है. जेईई की परीक्षा कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन ही ली जाएगी. नीट की परीक्षा अब पुनः उसी पैटर्न पर होगी और इसके पाठ्यक्रम को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से मंगलवार को जारी परीक्षा कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई.