तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली आए किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में लाल किला परिसर में घुस आए थे. पुलिस ने लाल किला को खाली कराने के लिए लाठीचार्ज किया और करीब दो घंटे की अफरातफरी के बाद लाल किला परिसर खाली करा लिया गया.
पीटीआई की खबर के मुताबिक इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी ने यहां झंडा लगाया इन प्रदर्शनकारियों में ‘निहंग’ शामिल थे. ऐसा बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाया गया झंडा ‘निशान साहिब’ था और दूसरा झंडा किसान संगठन का बताया गया है. तिकोने आकार के ‘निशान साहिब’ ध्वज को सिख बेहद पवित्र मानते हैं. झंडे में दो तलवार, चक्र, दो कृपाण भी दिखते हैं।
किसान संयुक्त मोर्चा का भी बयान मीडिया में आया है. मोर्चा ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों व लोगों ने तय रूट का उल्लंघन किया। रैली में असामाजाकि तत्व घुस आए अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण ही था. मोर्चा ने खुद को इससे अलग किया है.
कई नेताओं ने दिल्ली में हुई हिंसा और बिगड़ी स्थिति की निंदा की है और कई ने इसके लिए केंद्र सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है. चोट किसी को भी लगे, नुकसान देशा का ही होगा. देशहित के लिए कृषि–विरोधी कानून वापस लो.
हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा।
देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 26, 2021
राकांपा नेता शरद पवार ने कहा कि आज जो हुआ, उसका कोई समर्थन नहीं कर सकता है लेकिन इसके पीछे की वजह को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. जो लोग शांति से बैठे थे, उन्हें गुस्सा आया. केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं पूरी की.
Most unfortunate. I have supported the farmers’ protests from the start but I cannot condone lawlessness. And on #RepublicDay no flag but the sacred tiranga should fly aloft the Red Fort. https://t.co/C7CjrVeDw7
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 26, 2021
वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा लाल किले पर झंडा फहराने की निंदा की. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने शुरू से ही किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया लेकिन मैं इस अराजकता का समर्थन नहीं कर सकता और गणतंत्र दिवस के मौके पर पवित्र तिरंगा झंडा के अलावा लाल किले पर कोई झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए.
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि हिंसा स्वीकार्य नहीं. किसान संगठनों ने खुद को इससे अलग कर लिया और ट्रैक्टर रैली रोक दी. उन्होंने सभी किसानों से अपील की है कि वे दिल्ली खाली करके इसके बॉर्डर पर लौट आएं.
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि हिंसा और तोड़फोड़ से हम कहीं नहीं पहुंचेंगे. उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने और समझौते का सम्मान करने की अपील की. आज का दिन इस तरह की अराजकता का नहीं है.
Violence and vandalism will lead us nowhere. I urge everyone to maintain peace & honour agreements. Today is not the day for such chaos!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) January 26, 2021
तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने कहा कि वह दिल्ली की घटनाक्रम से विचलित हैं. किसान भाइयों और बहनों के प्रति केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैया को इसके लिए दोष दिया जाना जाना चाहिए.
Deeply disturbed by worrying & painful developments that have unfolded on the streets of Delhi.
Centre’s insensitive attitude and indifference towards our farmer brothers & sisters has to be blamed for this situation. (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 26, 2021