संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने से शुरू हुई. अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति कोविंद ने आर्टिकल 370 के हटने और राम मंदिर के निर्माण, गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई घटना, गलवान में सैनिकों की बहादुरी, समेत कई विषयों का जिक्र किया और सरकार की कई योजनाओं की सराहना की.
इस संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कोरोना काल के समय भारत की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा कि महामारी के दौरान यह एहसास हुआ कि आत्मनिर्भर बनना क्यों जरूरी है. भारत के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि देश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है और अभियान में शामिल दोनों ही टीके के निर्माण में भारत की भूमिका रही है.
जम्मू कश्मीर के चुनाव पर दी प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर कहा,” मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है. कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद का चुनाव सफल रहा।’’
संसद भवन के निर्माण कार्य पर
राष्ट्रपति ने संसद की नई इमारत के निर्माण को सुखद संयोग बताया. उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए देश ने संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है. इसकी वजह से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर वर्तमान सरकार की प्रशंसा की
उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजना, पोषण योजना आदि की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेजों का विस्तार बहुत जरूरी है. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में होने वाले सुधार का हवाला देते हुए उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा किए गए बदलाव की सराहना की. उन्होंने कहा,”आज देश के 24 हजार से ज्यादा अस्पतालों में से किसी में भी आयुष्मान योजना का लाभ लिया जा सकता है. प्रधानमंत्री भारतीय जन–औषधि योजना के तहत देश भर में बने 7 हजार केंद्रों से गरीबों को बहुत सस्ती दर पर दवाइयां मिल रही हैं.
शहीदों को किया याद
राष्ट्रपति ने गलवान घाटी में जवानों के बलिदान को याद करते हुए कहा, ” जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है.
कृषि कानून का महत्व और विरोध का जिक्र
उन्होंने तीन कृषि कानूनों के लिए कहा कि ये कानून किसानों की स्थिति में सुधार के लिए है. गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर एक धार्मिक झंडा फहराने की राष्ट्रपति ने निंदा की. उन्होंने किसान रेल का भी जिक्र किया. राष्ट्रपति ने कहा,” देश भर में शुरू की गई किसान रेल, भारत के किसानों को नया बाजार उपलब्ध कराने में नया अध्याय लिख रही है, अब तक 100 से ज्यादा किसान रेलें चलाई जा चुकी हैं जिनके माध्यम से 38 हजार टन से ज्यादा अनाज और फल–सब्जियां, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक किसानों द्वारा भेजी गई हैं.”