दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में वैसे तो खूब बखेड़ा हुआ लेकिन जैसे–तैसे चुनाव और मतों की गिनती सम्पन्न हुई. कभी मार–पीट तो कभी ईवीएम हैकिंग की खबरों ने खासी सुर्खियां बटोरीं. विश्वविद्यालय को अभी अंकिव बैसोया के तौर पर एक निर्वाचित अध्यक्ष मिला ही था कि छात्र संघ अध्यक्ष का पद फिर से खबरों में है. खबरों में आने की वजह भी खासी विवादास्पद है. डूसू अध्यक्ष 2018-19 की ओर से विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए फेक डिग्री जमा करने की चर्चा से समूचा सोशल मीडिया पटा पड़ा है. जनता दिल्ली विश्वविद्यालय के नवनिर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष के बहाने पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी पर भी तंज कस रही है.
यहां हम आपको बता दें कि बीते दो रोज पहले एक खबरिया चैनल के सोशल मीडिया अकाउंट पर डूसू अध्यक्ष 2018-19 अंकिव बैसोया के फेक डिग्री का खुलासा हुआ. ऐसा खुलासा कांग्रेस के छात्र संगठन एनएयसयूआई के हवाले से हुआ. विद्यार्थी परिषद से जुड़े अंकिव ने तत्काल प्रभाव से इसे एनएसयूआई का प्लॉट और प्रोपेगैंडा करार दिया. हालांकि बीते रोज जब एक खबरिया चैनल ने उनका साक्षात्कार किया तो वे खासे असहज दिखे और किसी भी शिक्षक का नाम न बता सके. यहां तक कि वे अपने विषय बताने में भी असहज दिखे. उसके बाद से यह विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा.
सीधे तौर पर कहें तो लोगों को घर बैठे–बिठाए मसाला मिल गया है. बीएचयू के छात्र विकाश आनंद फेसबुक पर लिखते हैं कि ये तो पीएम मैटेरियल है. कहां वक्त बरबाद कर रहा है नादां. बीएचयू के ही पूर्व छात्र राहुल राय सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि ये भी एनटायर पॉलिटिकल साइंस का विद्यार्थी है क्या? भविष्य उज्जवल लग रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय के बीते छात्र संघ चुनाव में सीवाईएसएस की ओर से सक्रिय विनीत दूबे सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि दिन–रात राष्ट्र सेवा की कसमें खाने वाले और दूसरों के चरित्र का विश्लेषण करने वाले प्यारे अन्धभक्तों कब तक कंबल ओढ़कर घी पियोगे. केवल मार्केटिंग और गलथेथरई से अब काम नहीं चलने वाला. फर्जी लोगों का जमावड़ा – परिषद, परिषद.
गौरतलब है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) खुद को विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन कहती है और उसका नारा है ज्ञान, शील और एकता. विद्यार्थी परिषद – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बद्ध छात्र संगठन है. तो इस हालिया विवाद के बाद से उनके ज्ञानार्जन के तौर–तरीकों पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. हालांकि डूसू अध्यक्ष के इस डिग्री विवाद पर एबीवीपी, दिल्ली प्रदेश ने एक प्रेस रिलीज जारी किया है.
एबीवीपी का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को इसका पूरा अधिकार है कि वो अंकिव के दस्तावेजों को सत्यापित करे. प्रशासन के पास ऐसे मामलों से निपटने की व्यवस्थित प्रक्रिया है. एबीवीपी ऐसा करने पर विश्वविद्यालय को पूरा सहयोग देगी. साथ ही कहा कि अंकिव के दोषी पाये जाने पर उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत दंडित किया जाए. वहीं यदि अंकिव निर्दोष साबित हुआ तो झूठे आरोप लगाने वालों को भी कानूनी कार्रवाइयों के लिए तैयार रहना होगा.
इस पूरे डिग्री विवाद पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, छात्र परिषद के पूर्व महासचिव व वर्तमान में एनएसयूआई से जुड़कर राजनीति में सक्रिय विकास सिंह कहते हैं कि विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र–छात्राओं से छल किया है. अंकिव और विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली विश्वविद्यालय और समूचे देश के छात्र–छात्राओं के आंखों मं धूल झोंकी है. तत्काल प्रभाव से उनसे यह पद छीना जाए और दोषी पाये जाने पर फ्रॉड करने के लिए जेल भेजा जाए.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद की प्रमुख प्रतिद्वंदी संगठन एनएसयूआई मांग उठा रही है कि एनएसयूआई से ताल्लुक रखने वाले सनी छिल्लर को दिल्ली विश्वविद्यालय का अध्यक्ष नियुक्त किया जाए. एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने इस पूरे फर्जीवाड़े के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को छात्रों से माफी मांगने को कहा है. वे ऐसा करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को सोमवार तक का समय देते हैं कि उनकी मांगें पूरी हों, अन्यथा वे और उनका संगठन सड़कों पर उतरेगा.